करोड़ो रूपयां का ऑनलाईन ठगी प्रकरण
टोंक (फिरोज़ उस्मानी)टोडारायसिंह थाना निवासी बालूराम शर्मा के साथ हुई करोड़ो रूपयां ऑन लाईन ठगी प्रकरण में टोंक जिला पुलिस ने एक अन्तर्राज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। ठग गिरोह के सरगना सागर सहित छह आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।आरोपितों से पूछताछ जारी है, आरोपितों से पूरे देश में ठगी करने के कई और मामले खुलने की संभावना है। ये गिरोह लोगों को ऑन लाईन राशि दूगनी करने का झांसा देकर करोड़ रूपयां ठगते थे।
जिला पुलिस अधीक्षक योगेश दाघीच ने बताया कि थाना टोडारायसिंह बाबूलाल शर्मा निवासी गोलेड़ा ने 15 जून को मामला दर्ज कराया कि बीमा पॉलिसी की राशि दोगुना करने के नाम पर एक कम्पनी ने 1 करोड़ 31 लाख रूपयां की राशि ऑनलाईन ठगी की गई है।
मामले को आईटी एक्ट में दर्ज कर टोंक के साईबर अपराधों के अनुसंधान के लिए थाना सदर में जांच के लिए सोंपा। इसको लेकर जिला पुलिस अधीक्षक योगेश दाघीच ने एक टीम का गठन किया। इसमें दयाराम चौधरी, सुरेश चावला, राजेन्द्र सिंह, अमर सिंह प्रेमचंद गुर्जर, राजेश, आशाराम चौधरी, अमन बैंसला आदि टीम में शामिल थे।
दिल्ली व उत्तरप्रदेश से किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने दिल्ली व उत्तरप्रदेश में विभिन्न स्थानों पर निवास करने वाले गहनता से तलाश शुरू की गई। इसमें पुलिस को दिल्ली व उत्तरप्रदेश से ठगी के विकास कपूर उर्फ विशाल गोयल उर्फ सुहेल पुत्र सुरेन्द्र कपूर निवासी दिल्ली, सागर यादव पुत्र खामोश लाल यादव निवासी दिल्ली, अमित पुत्र हरशरण सिंह यूपी, अतुल कुमार पुत्र महेन्द्र चंद कश्यप निवासी दिल्ली, जिवेश कुमार झा पुत्र गोपीकांत झा निवासी यूपी, ललित कुमार पुत्र जगदीश कुमार निवासी दिल्ली को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ ने आरोपितों ने ऑनलाईन ठगी करना स्वीकार किया। पुलिस ने आरोपितों से फर्जी बंैक खाते खुलवाने सहित कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए।
एैसे करते थे ठगी
ठगी के सरगना सागर ने इश्योंरेस पॉलिसी, लक्की ड्रा/लाटरी व बीमा पॉलिसी का दिल्ली में एक फर्जी ऑफिस खोला हुआ है। जहां से पूरे देश में अपना नेटवर्क चलाता था। इसके इस नेटवर्क में पांच और लोग शामिल थे। इसमें से विशाल नामक व्यक्ति फर्जी अंकाउट बनाने व डेटा प्रोवाईड कराने में मास्टर माईंड है, जो किसी भी इंशोयेरेस कम्पनी से डाटा खरीद लेता था। डाटा प्रोवाईड करने के काम में विशाल का साथ जिवेश देता था। नरेश, अमित, अतुल व जिवेश चारों लोगों का कार्य ऑनलाईन कॉलिगं करने का था। लोगों को कॉल करके राशि दोगुना करने की लालच देते थे। जो इनके झासें में फंस जाता था, उससे मोटी रकम अपने अन्य फर्जी खातों में डलवाकर ठग लेते थे।