75 सालों से मरने के बाद भी दो ग़ज़ ज़मीन तक नसीब नही, हक़ की लड़ाई लड़ रहा है,राजस्थान का घुमंतू समाज

Firoz Usmani
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Tonk News (फ़िरोज़ उस्मानी) देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के बाद भी देश मे एक समाज ऐसा है, जिसे जीते जी सर छिपाने के लिए छत ही नही बल्कि मरने के बाद भी दो ग़ज़ ज़मीन नसीब नही होती है। अपनी हक़ की लड़ाई के लिए राजस्थान का घुमंतू समाज आज भी अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहा है।

 

राजस्थान में घुमंतू समाज के लोग आज भी अपनी मांगों को लेकर सरकार से फरियाद कर रहे हैं। इसी के तहत घूमंतू अर्द्ध घूमंतू एवं विमुक्त जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतनलाल कालबेलिया प्रदेश के 27 जिलों का दौरा करते हुए टोंक पहुंचे। इनके साथ शराब बंदी को लेकर आंदोलन कर रही पूजा छाबड़ा भी पहुँची।

पारिवारिक स्तर खराब

घूमंतू अर्द्ध घूमंतू एवं विमुक्त जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतनलाल कालबेलिया ने बताया कि राजस्थान में घुमंतू, अर्द्ध घूमंतू समाज के लोगों के सामने आज भी स्थाई निवास की समस्या बनी हुई है। 1994 से पहले घुमंतू समाज की कई जातियां अनुसूचित जाति में थी। लेकिन आज अन्य पिछड़ा वर्ग में है।

पारिवारिक स्थितियां कोई अच्छी हालातो में नही है, लगातार शिक्षा का स्तर भी खराब होता जा रहा है।

2 अक्टूबर को आमरण अनशन

समाज विकासधारा में नही जुड़ पाया है। इन्हीं सब कारणों को लेकर रतनलाल अपनी मांगों को लेकर 2 अक्टूबर को जयपुर में शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने की तैयारी में है। प्रदेश दौरे के दौरान सभी जिलों में कलेक्टर के सामने अपनी समस्याओं को रखते हुए सीएम को 22 सूत्रीय मांग पत्र सौंपेंगे।

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Firoz Usmani Tonk : परिचय- पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षो से संवाददाता के रूप में कार्यरत हुंॅ, 9 साल से राजस्थान पत्रिका ग्रुप के सांयकालीन संस्करण (न्यूज़ टुडे) में जिला संवाददाता के रूप से कार्य कर रहा हंू। राजस्थान पत्रिका न्यूज़ चैनल में भी अपनी सेवाएं देता रहा हूं। एवन न्यूज चैनल में भी संवाददाता के रूप में कार्य किया है। अपने पिता स्व. श्री मुश्ताक उस्मानी के सानिध्य में पत्रकारिता की क्षीणता के गुण सीखें। मेरे पिता स्व.श्री मुश्ताक उस्मानी ने भी 40 वर्षो तक पत्रकारिता के क्षैत्र में कार्य किया है। देश के कई बड़े न्यूज़ पेपर से जुड़े रहे। 10 वर्ष दैनिक भास्कर में ब्यूरों चीफ रहें।