पंचतत्व में विलीन हुईं प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान की राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी

Dr. CHETAN THATHERA
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सिरोही। राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं। उनका अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे ब्रह्माकुमारीका संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबूरोड स्थित शांतिवन में किया गया। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, महासचिव बीके निर्वैर और दादीजी की निजी सचिव बीके नीलू बहन ने उन्हें मुखाग्नि दी।

दादी हृदयमोहिनी ने 11 मार्च को सुबह 10.30 बजे मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली थी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से शांतिवन लाया गया, जहां देश-विदेश से आने वाले लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। हजारों की संख्या में मौजूद बीके भाई-बहनों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए दादीजी की शिक्षाओं को जीवन में उतारने, उनके बताए कदमों पर चलने और उनके समान योग-साधना कर खुद को परिपक्व बनाने का संकल्प किया।

दादी की पार्थिव देह को देश-विदेश से आने वाले लोगों के अंतिम दर्शन के लिए शांतिवन के ही कॉन्फ्रेंस हॉल में रखा गया था। जहां से शनिवार सुबह 9 बजे अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान ओम धुन का जाप करते हुए हजारों भाई-बहन पीछे चल रहे थे। अंतिम संस्कार के दौरान संस्थान के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व राज्यपाल कलराज मिश्र के द्वारा भेजे गए शोक संदेश को पढकऱ सुनाया।

इस मौके पर संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन, प्रबंधिका बीके मुन्नी बहन, मुंबई गामदेवी की बीके नेहा बहन, ग्लोबल हॉस्पिटल के डायरेक्टर बीके प्रताप मिड्ढा, बीके बनारसी लाल शाह ने भी दादी के साथ के अपने अनुभव बताते हुए श्रद्धांजली अर्पित की। साथ ही स्थानीय विधायक जगसीराम कोली, समाराम गरासिया, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सुरेश कोठारी, हरीश चौधरी, पूर्व पालिका चेयरमैन सुरेश सिंदल समेत कई लोगों ने भी पुष्पांजलि दी।

ब्रह्माकुमारिका से देश-विदेश में जुड़े 12 लाख भाई-बहनों और 46 हजार समर्पित ब्रह्माकुमारी बहनों की दादी आदर्श थीं। अस्वस्थ होने के बाद भी दादी अंतिम समय तक लोगों के लिए प्रेरित करतीं रहीं। दादीजी के देवलोकगमन के बाद से ब्रह्माकुमारी का संस्थान के देश-विदेश में स्थित सेवा केंद्रों पर अखंड योग-साधना का दौर जारी है। सभी योग के माध्यम से दादीजी को अपने शुभ बाइव्रेशन और श्रद्धांजली अर्पित कर रहे हैं। मुंबई में दादी के देवलोकगमन की सूचना के बाद से ही शांतिवन में योग-साधना शुरू हो गई।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम