Jaisalmer। राजस्थान सहित पूरे देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है । वायरस से पॉजिटिव रोगियों और मरने वालों की सुनामी आई हुई है और इसी सुनामी से निपटने के लिए राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार लगातार प्रयास करते हुए हर कदम उठा रही है ।
यह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा विडियो है दैनिक रिपोर्टर्स डॉट कॉम इसकी पुष्टि नहीं करता
और केंद्र सरकार ने भी कोरोना के लिए नई गाइडलाइन जारी की गई है लेकिन क्या राजस्थान में कोरोना गाइडलाइन केवल आमजन और गरीबों के लिए ही है रसोंकातों और मंत्रियों के लिए नहीं । ऐसी चर्चा पूरे राजस्थान मे है । इस खबर में वीडियो देख कर आपको स्वयं एहसास हो जाएगा ।
राजस्थान की सरहद जैसलमेर बाड़मेर क्षेत्र के धर्मगुरु गाजी फकीर का कल जोधपुर के शुभम हॉस्पिटल में उपचार के दौरान इंतकाल हो गया था और कल उनका दिन में उनके पैतृक गांव झाबरा में सुपुर्द ए खाक हुआ गाजी फकीर राजस्थान के कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद के पिता भी हैं ।
कल झाबरा में सुपुर्द ए खाक के दौरान कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार में केवल 20 जने ही शामिल हो सकते हैं लेकिन कल झाबरा में कोरोना गाइडलाइन को पूरी तरह से ठेंगा बताते हुए।
जिस तरह से भीड़ उमड़ी है उसी से अंदेशा है कि आने वाले दिनों में जैसलमेर बाड़मेर में कहीं को राणा का महा विस्फोट ना हो जाए । वहीं दूसरी ओर गाजी फकीर के सुपुर्द ए खाक के दौरान उमड़ी भीड़ का वीडियो सोशल
मीडिया पर वायरल होने के बाद राजस्थान में सोशल मीडिया पर चर्चाओं का जबरदस्त दौर है कि सरकार की एक ऐसी गाइडलाइन और गाइड लाइन की पालना क्या केवल आमजन और गरीब के लिए ही है ? मंत्री और रसूख कार वालों के लिए नहीं क्या? गाइडलाइन में भेदभाव नहीं है ?