Jaiselmer। पाकिस्तान (Pakisthan) से उठे तूफानी अंधड़ (Storm) ने रविवार देर रात सीमावर्ती जैसलमेर (Jaiselmer) व बाड़मेर (Barmer) जिलों में जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। 60 से 70 किलोमीटर की रफ्तार से जैसलमेर के रास्ते राजस्थान में प्रवेश करने वाले अंधड़ से पश्चिमी राजस्थान (Western rajasthan) के विभिन्न जिलों में धूल का साम्राज्य हो गया। तेज अंधड़ ने जैसलमेर में सबसे अधिक तबाही मचाई। कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गई तो खेत में काट कर रखी हुई उपज उडऩे से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। बड़ी संख्या बिजली के पोल व पेड़ धराशायी हो गए।
मौसम विभाग (Meteorological Department) के अनुसार एक प्रेरित साइक्लोनिक सर्कुलेशन (Cyclonic circulation) मध्य पाकिस्तान और पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है। इसके प्रभाव से मौसम में बदलाव हो रहा है। रविवार देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे पाकिस्तान से उठे रेतीले बवंडर ने जैसलमेर के रास्ते राजस्थान में प्रवेश किया। तनोट व रामगढ़ होते हुए यह जैसलमेर पहुंचा। हवा की रफ्तार अधिक होने के कारण पूरे क्षेत्र में तबाही मचाते हुए यह 60 से 70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ़ा। रेत के इस तूफान के सामने कई पेड़ व बिजली के पोल धराशाही हो गए।
सीमावर्ती क्षेत्र में बड़ी संख्या में बिजली के पोल नीचे गिरने से विद्युत आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो गई। तूफान ने किसानों की कमर तोड़ दी। खेतों में तबाही का मंजर दिखने लगा। तेज हवा के साथ खेतों में रखी कटी हुई उपज उड़ गई। जैसलमेर से आगे बढ़ता हुआ यह तूफान जोधपुर व बाड़मेर पहुंचा। हालांकि आगे बढऩे के साथ इसकी रफ्तार कमजोर पड़ गई। इस कारण इन दोनों स्थान पर नुकसान कम ही हुआ।
जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालोर व सिरोही जिलों में रात करीब दो बजे पहुंचे अंधड़ के कारण आसमान में धूल छा गई। सुबह लोग जब नींद से उठे तो उन्हें अपने मकानों में हर तरफ धूल ही धूल नजर आई। आसमान से बरस रही धूल के बीच सुबह करीब आठ बजे यकायक हल्की बारिश शुरू हो गई। बारिश की बूंदों के साथ धूल के कण भी तेजी से नीचे आए। इससे आसमान काफी हद तक साफ अवश्य हुआ, लेकिन अभी भी धूल पूरी तरह से नीचे नहीं उतर पाई है।
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