जयपुर (शिव शंकर छीपा)। राजधानी में छोटी बच्चियो को देवी बताकर पूजने का दिखावा करने वाली एक साध्वी की सनसनीखेज करतूत उजागर हुई है। जामडोली में एक आश्रम चलाने वाली साध्वी समदर्शी के खिलाफ कानोता थाने में युवती से छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है।
पीड़िता का आरोप है कि समदर्शी ने 20 वर्षीय युवती से जबरन समलैंगिक संबंध बनाने की कोशिश की। मामला प्रकाश में आने के बाद इसे दबाने की कोशिश की जा रही है। इस बारे में जब जिला कलेक्टर को शिकायत की गई तो आदेश के बाद 29 सितंबर को केस तो दर्ज कर लिया गया।
लेकिन 17 दिन बाद भी संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई। मामले को दबाने के लिए आश्रम में रहने वाली मासूम बच्चों को बीच पढ़ाई के दौरान ही वापस लौटा दिया गया। जबकि आरोप लगाने वाली पीड़िता शक्ति स्तंभ में रह रही है। पीडिता ने बताया कि उसके साथ समलैंगिक होने का प्रयास किया तो उसे अन्य किशोरियों को जानकारी दी।
अन्य बच्चियो ने भी इसी तरह कई घटनाएं उनके साथ होेने की जानकारी दी। आश्रम में पुलिस ने छापा मारा तो वहां त्रिपुरा से आई 6 से 16 साल की 16 बच्चों को रेस्क्यू किया। आश्रम संचालक पर कुछ आरोप थे जिस के संदर्भ में बच्चों की काउंसलिंग कराई गई, मंगलवार शाम को बच्चों को उनको परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं साध्वी समदर्शी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया और इसे अपने खिलाफ एक साजिश बताया है।
समदर्शी ने बताया कि पुलिस को सुनाई गई पूरी कहानी झूठी है और उस युवती की कहानी मैं कहीं भी नहीं हुई हूं। फरार होने के सवाल पर उनका कहना था कि वे अपने आश्रम पर ही है।
उस युवती द्वारा पहले बच्चे को रखने के लिए बोला गया था, जिसको मना कर दिया फिर हमने कहा कि आप बच्चे के साथ रह सकती हैं जिसके बाद उस युवती ने कहा कि यह आश्रम मेरे नाम कर दो वरना मैं आप पर आरोप लगाऊंगी की आपने मुझे नाजायज संबंध बनाने के लिए दबाव डाला है।