राजस्थान के किसानों को कुसुम योजना से मिलेगा अब बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के बैंक देंगे ऋण

Sameer Ur Rehman
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Jaipur । राजस्थान(Rajasthan) में अब कुसुम योजना (Kusum Scheme ) को और पंख लग सकेंगे. लोन को लेकर आ रही व्यावहारिक दिक्कत को दूर कर लिया गया है. अब योजना में बैंकों से बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के लोन (Collateral Security in Kusum Scheme) मिल सकेगा. ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन डॉक्टर सुबोध अग्रवाल के साथ हुई बैंक प्रतिनिधियों की बैठक में कई बैंकों ने इस पर सहमति जता दी है.

 

क्या है कुसुम योजना (Kya hain Kusum Yojana)

 

कुसुम योजना (Kusum Scheme ) के तहत बंजर और बेकार पड़ी भूमि पर सौर ऊर्जा प्लांट लगाकर सस्ती बिजली उत्पादन किया जा सकता है. यह बिजली एक निश्चित दर पर डिस्कॉम खरीदती है. राजस्थान में बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा के जरिए कमाई करने का यह बेहतर विकल्प है. लिहाजा काफी संख्या में इस योजना के तहत आवेदन भी आ रहे हैं.

इन दो बैंकों से हुआ करार

राजस्थान में खास तौर पर केनरा बैंक (Canara Bank) और एयू बैंक (au bank) ने इस पर सहमति जताई और आवेदन लेना भी शुरू कर दिया है. वहीं अन्य बैंकों ने भी सैद्धांतिक सहमति जताई है और माना जा रहा है कि इन बैंकों में भी अब बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के लोन मिल सकेगा. बैठक में बैंक प्रतिनिधियों के साथ ही अक्षय ऊर्जा डिस्कॉम से जुड़े भी अधिकारी मौजूद रहे. वहीं अन्य बाधाएं योजना से दूर हो सके, इसके लिए हॉर्टिकल्चर निदेशक ने भी आश्वासन दिया.

यहां आपको जानकारी दें कि पूरे देश भर में कुसुम योजना (Kusum Scheme In Rajasthan) में अब तक 12 प्रोजेक्ट लगे हैं. जिसमें से 11 प्रोजेक्ट अकेले राजस्थान में लगे हैं. इस योजना के लिए करीब 600 आवेदन आए. लेकिन बैंकों ने कोलेटरल सिक्योरिटी (Collateral Security in Kusum Scheme) के बिना लोन न देने का फैसला किया. जिससे आवेदन के तहत योजना में काम आगे नहीं बढ़ पाया. इसे लेकर असमंजस की स्थिति थी.

चूंकि  कुसुम योजना (Kusum Scheme ) केन्द्र की योजना है इसलिए आवेदकों की समस्याओं को लेकर स्टेट ने केन्द्र को अवगत कराया. लोन को लेकर संशोधन की डिमांड की. अब राज्य का ये तर्क है कि वहां से (केन्द्र से) कोई ठोस या संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो इन्होंने अपने स्तर पर बैंकों से बात की. अब बैंकों ने राज्य की मजबूरियां और दिक्कतों को समझा है और अपनी नीति में कुछ संशोधन किया है. इसके बाद योजना के लिए लोन भी मिल पाएगा.

 

 कुसुम योजना (Kusum Scheme ) केंद्र सरकार की अहम योजना

 

कुसुम योजना (Kusum Scheme ) केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सरकारी सहायता मिलती है। इसके तहत किसानों के लिए सौर पंप और ग्रिड से जुड़े अन्य सौर बिजली संयंत्र लगाये जाने का प्रावधान है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान, जिसे प्रधानमंत्री कुसुम योजना की संज्ञा दी गई, की शुरुआत की थी। जिसके तहत किसानों को सौर पंप लगाने के लिए छूट मिलती है।

 

कंपनी के मुताबिक, अनुमन्य अनुदान (सब्सिडी) के बाद किसान को सौर पंप के लिए करीब एक चौथाई भुगतान ही करना पड़ता है। इस योजना के तहत हरियाणा ने वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत 15,000 पंपों के मुकाबले 14,418 पंपों की स्थापना करके प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएमकेयूएसयूएम) के तहत ऑफ-ग्रिड सोलर पंपों की स्थापना में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

कुसुम योजना के लिए रजिस्ट्रेशन Registration for Kusum Yojana

 

कुसुम योजना (Kusum Scheme )के तहत अगर आप रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु और भूमि लीज पर देने हेतु आवेदन किया जा सकता है। सर्वप्रथम आवेदक को योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा। ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद आपके सामने होम पेज खुल जायेगा। इस होम पेज पर आपको पंजीकरण “ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन” का विकल्प दिखाई देगा। इस विकल्प पर क्लिक करें।

 

इसके बाद आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी जानकारी, जैसे- नाम, पता, आधार नंबर, मोबाइल नम्बर आदि भरनी होगी। सभी जानकारी भरने के बाद आखिर में सब्मिट के बटन पर क्लिक करें। सफल पंजीकरण के बाद आपको चयनित लाभार्थियों को सौर पंप सेट की 10 प्रतिशत कीमत आपूर्तिकर्ताओं को जमा करने के लिए निर्देशित किया जाता है। इसके बाद कुछ ही दिनों में आपके खेतों में सोलर पम्प लगा दिए जाएंगे।

 

 कुसुम योजना पंजीकरण के बाद आवेदक को प्राप्त होगी एप्लीकेशन आईडी (Kusum Yojana registration, the applicant will get the application ID)

 

यदि आवेदक द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण किया गया है तो आवेदक को एप्लीकेशन आईडी प्राप्त होगी। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन की स्थिति में आवेदन पत्र के प्रिंट आउट को अपने पास सुरक्षित रखना होगा। यदि आवेदक द्वारा ऑफलाइन आवेदन किया गया है तो आवेदक को एक रसीद दी जाएगी जो कि आवेदक को संभाल कर रखनी होगी। आवेदन करने के लिए आवेदक द्वारा सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे।

 

इस योजना का लाभ उन्हें ही मिल सकता है जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। आवेदकों का नाम आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट दी जाएगी। यदि आवेदकों का नाम आरआरईसी की वेबसाइट पर दी जाती है तो आप कुसुम योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक को सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदन करने के लिए ₹5000 प्रति मेगावाट तथा जीएसटी की दर से आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा। जो कि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा।

कुसुम योजना का उद्देश्य (Objective of Kusum Yojana)

 

भारत में कई सारे राज्य सूखा प्रभवित हैं, जिससे वहां खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए किसानों की मुश्किलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना(Kusum Scheme Yojana) को शुरू किया है। जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा दी जाती है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना ( Pardhanmantri Kusum Scheme Yojana) के जरिये किसान को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। यदि किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं, तो उन्हें उसका भी लाभ मिल सकेगा। केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए https://mnre.gov.in/ वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है। कुसुम योजना के तहत अगर आप रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं।

कुसुम योजना की ये हैं पात्रताएं (eligibility of Kusum Yojana)

 

आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए। कुसुम योजना के अंतर्गत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदक द्वारा आवेदन किया जा सकता है। आवेदक द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता (दोनों में से जो भी कम हो) के लिए आवेदन कर सकता है। प्रति मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।

(Kusum Scheme )योजना के अंतर्गत स्वयं के निवेश से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है। यदि आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी अनिवार्य है।

कुसुम योजना के लिए जरूरी महत्वपूर्ण दस्तावेज (Important documents required for Kusum Yojana)

 

प्रधानमंत्री कुसुम योजना ( Pardhanmantri Kusum Scheme Yojana) का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी, ऑथराइजेशन लेटर, जमीन की जमाबंदी की कॉपी, चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में), मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ की जरूरत पड़ती है। इसलिए इन सभी दस्तावेज को समेट कर रख लें और अपडेट नहीं हैं तो उन्हें उपयोग से पहले अपडेट करवा लें।

कुसुम योजना से बीमा का मिलेगा लाभ (Benefit of insurance will be available from Kusum Yojana)

 

इन पंपों को किसान पर बिना किसी अतिरिक्त लागत के 5 वर्षीय वार्षिक रख-रखाव अनुबंध (एएमसी) और प्राकृतिक आपदाओं, चोरी आदि के लिए बीमा कवर के साथ स्थापित किया जा रहा है। ये सोलर पंप न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं बल्कि खेती की लागत को भी कम करेंगे, क्योंकि बिजली और डीजल पर कोई खर्च नहीं होगा।

कुसुम योजना के चार महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट्स (Four important components of Kusum Yojana)

 

कुसुम योजना (Kusum Scheme )के चार कॉम्पोनेंट हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं। पहला, सौर पंप वितरण: कुसुम योजना के प्रथम चरण के दौरान केंद्र सरकार के विभागों के साथ मिलकर बिजली विभाग, सौर ऊर्जा संचालित पंप के सफल वितरण करेगी। दूसरा, सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण: सौर ऊर्जा कारखानों का निर्माण किया जाएगा, जो कि पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं। तीसरा, ट्यूबवेल की स्थापना: सरकार द्वारा ट्यूबवेल की स्थापना की जाएगी जो कि कुछ निश्चित मात्रा में बिजली उत्पादन करेंगे। चतुर्थ, वर्तमान पंपों का आधुनिकीकरण: वर्तमान पंपों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा तथा पुराने पंपों को नए सौर पंपों से बदला जाएगा।

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