जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे शीतयुदध अब बंद कमरों से बाहर निकलकर पीसीसी पहुंच गया है। हाल ही टोडाभीम विधायक पीआर मीणा की बयानबाजी पर उन्हें केन्द्र से मिली फटकार के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने दफ्तर में नेताओं के कक्ष में परिवर्तन कर दिया। इस बार पीसीसी में गाज गिरी है अशोक गहलोत के समर्थक नेता मुमताज मसीह पर। गहलोत समर्थक मुमताज मसीह के कक्ष से नाम की पट्टी हटाकर वो कक्ष पायलट ने वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अपने समर्थक नेता को आंवटित कर दिया। वीडियो देखें क्या कहा मुमताज मसीह
जयपुर में कांग्रेस दफ्तर में सचिन पायलट के कक्ष के पास वरिष्ठ उपाध्यक्ष के नाम से लगी नेम प्लेट के इस कक्ष को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट में ठन गई है। दरअसल इस कक्ष के उपर पार्टी के उपाध्यक्ष मुमताज मसीह की नाम पट्टिका लगी थी, मसीह सालों से इसी कक्ष में बैठते आए है।
मसीह जब पीसीसी पहुंचे तो कक्ष से उनके नाम की पट्टी गायब मिली, मसीह को कहा गया कि ये कमरा अब वरिष्ठ उपाध्यक्ष को आंवटित कर दिया है। मसीह को उपाध्यक्षों के लिए बने कॉमन रूम में बैठने के लिए कहा गया, मसीह अशोक गहलोत के नजीदीकी माने जाते हैं। मसीह ने कहा कि उनकी नाम पट्टी हटाने या कक्ष लेने की सूचना उन्हें नहीं दी गई थी।
बता दें कि फिलहाल प्रदेश कांग्रेस में तीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं लेकिन दो गहलोत सरकार में मंत्री हैं। अब वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईड़वा इस कक्ष में बैठेंगे, ईड़वा सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। यहां चर्चा है कि पायलट ने गहलोत गुट को समाप्त करने के लिए मसीह को बना चैम्बर का कर दिया है।
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद से ही ठनी हुई है, गहलोत हार के लिए पायलट को जिम्मेदारी लेने के लिए कह चुके हैं तो सचिन पायलट के कई समर्थक हार के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराकर गहलोत के इस्तीफे की मांग कर चुके हैं.
खुद सचिन पायलट भी अशोक गहलोत पर निशाना साध चुके हैं गुरुवार को ही पायलट समर्थक एक विधायक पीआर मीणा को राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडेय ने नोटिस देकर जवाब तलब किया था।