महाशिवरात्रि पर प्रदेशभर में पुष्पों से सजे भोलेनाथ, रिझाने उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

liyaquat Ali
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जयपुर। भगवान भोलेनाथ की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि गुरुवार को प्रदेशभर के देवालयों में श्रद्धा, उल्लास व आस्था से मनाई गई। श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दरबार में पहुंचकर शिवलिंगों पर दूध, बेलपत्र, पुष्प आदि चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की तथा खुशहाली की कामनाएं की। महाशिवरात्रि के मौके पर राजधानी जयपुर समेत प्रदेशभर के शिवालयों को आकर्षक रोशनी तथा पुष्पों से सजाया गया।

सिद्ध योग में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी पर गुरुवार को महाशिवरात्रि मनाने के लिए जयपुर शहर के सभी शिव मंदिरों में अलसुबह 4 बजे से ही दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। मंदिरों में हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय के जाप गूंजने लगे। ढोल-थाली व नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालुओं ने भजन गाकर भगवान शिव को रिझाया। शिवरात्रि पर मंदिरों को रंगीन रोशनी वाली लाइटों से सजाया गया। कई शिवालयों में फूल बंगले की झांकी सजाई गई।

शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए सवेरे से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रहीं। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इस दौरान शिवालयों में भजनों के दौर चलते रहे। जयपुर शहर के प्राचीन झारखंड महादेव मंदिर में कोरोना की वजह से इस बार जलाभिषेक पर पाबंदी लगा दी गई। इससे मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को दूर से ही फूल बंगले की झांकी में सजे भगवान शिव के दर्शन कर लौटना पड़ा। यहां गुरुवार को भाजपा के गोरखपुर से सांसद और बॉलीवुड एक्टर रविकिशन ने भी झारखंड महादेव के दर्शन किए।

यहां सुबह 5 बजे मंगला आरती के साथ भगवान शिव के दर्शन शुरु हुए। इसके बाद मंदिर परिसर में लंबी लाइन लग गई। साल में सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन खुलने वाले मोतीडूंगरी स्थित एकलिंगेश्वर महादेव और सिटी पैलेस के चांदनी चौक में स्थित राजराजेश्वर मंदिर में आमजन के लिए दर्शनों पर पाबंदी रहीं। इन मंदिरों को आमजन के लिए नहीं खोला गया। सिर्फ राजपरिवार के लोगों ने मंदिर में दर्शन किए।

प्रदेश के अन्य शिवालयों में महाशिवरात्रि पर आस्था का ज्वार उमड़ा। कई स्थानों पर शिव दरबार को पुष्पों से श्रंगारित किया गया। श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए भगवान शिव को रिझाया। कुछ स्थानों पर दर्शन-पूजा के लिए लगी श्रद्धालुओं की कतारों में दो गज की दूरी के नियम का पालन नहीं हुआ। कई बड़े शिव मंदिरों को भीड़ के मद्देनजर बंद रखा गया, जहां श्रद्धालुओं को ऑनलाइन दर्शन कराने के प्रबंध किए गए। पूरे देश में 525 शिवलिंगों के लिए विख्यात तीर्थस्थल कोटा के थेगड़ा स्थित शिवपुरीधाम में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन व पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे।

संत सनातनपुरी महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवपुरीधाम में सात दिवसीय कथा विश्राम के बाद तीन दिवसीय नवकुण्डीय महायज्ञ का समापन बुधवार को अभिजीत मुहूर्त में हुआ। 525 शिवलिंगों को नए वस्त्र धारण करवाकर फूलमालाओं से सजाया गया। सवा करोड़ मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ में आहूतियां दी गई।

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