Jaipur News। शहर के पास देवरी गांव के समीप अफीम तस्करी करते समय पुलिस पर फायर कर भागने वाले तस्करों की 22 दिन बाद पुलिस ने पहचान कर ली। पुलिस ने दोनों के फोटो भी जारी किए।
तस्करों की तलाश में निम्बाहेड़ा के नरसिंहगढ़ से लेकर जोधपुर तक पहुंच गई। इसके लिए पुलिस 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
दोनों आरोपित जोधपुर के निवासी है लेकिन फायरिंग वाली घटना के बाद दोनों अपने घर भी नहीं पहुंचे। इनमें से एक जोधपुर निवासी सुनील भादू पाली जिले का वांटेड भी है।
23 जून को देवरी गांव के पास उदयपुर हाईवे रोड पर दो तस्कर सफेद रंग की गाड़ी में नाकाबंदी भागने भाग रहे थे। इस दौरान पुलिस ने गाड़ी का टायर पंचर कर दिया। टायर फटने की वजह से दोनों तस्कर को गाड़ी मौके पर ही छोड़कर खेतों के रास्ते भाग खड़े हुए।
इस दौरान पुलिस को पीछे आते देख दोनों तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग भी की। पुलिस ने कई घंटों तक सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन दोनों आरोपित फरार हो गए थे।
फॉर्च्यूनर गाड़ी से लगभग 2 करोड रुपये के 78 किलो अफीम बरामद हुई थी। साथ ही गाड़ी में दो नंबर प्लेट अलग-अलग पाए गए, उनमें से एक जयपुर और एक महाराष्ट्र की थी।
इस मामले में सदर थाना पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट और आर्म्स एक्ट के अलावा अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज करजांच थाना कोतवाली तुलसीराम प्रजापति को सौंपी गई थी।
थाना अधिकारी तुलसीराम ने बताया कि दोनों आरोपितों की जानकारी के लिए निंबाहेड़ा के नरसिंहगढ़ से लेकर जोधपुर के मध्य जितने भी होटल, टोल नाके, मिठाइयों की दुकान, ढाबें के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे थे, उनके सबके फुटेज खंगाले गए। निंबाहेड़ा से जोधपुर लगभग 300 से भी ज्यादा किलोमीटर तक उनकी तलाश की गई।
थाना अधिकारी का कहना था कि संभावित होटल, टोल नाके, मिठाइयों की दुकान व ढाबों से जो भी फुटेज मिले, उन्हें बारीकी से चेक किया। बीच में वह ढाबे पर भी रुके और खाना खाया।
लगभग 100 से भी ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद दोनों का चेहरा साफ नजर आया।
थानाधिकारी तुलसीराम ने बताया कि दोनों के फोटो मिलने के बाद फोटो को सोशल मीडिया पर डाले गए। निम्बाहेड़ा से जोधपुर तक के संबंधित सभी थानों यह फोटो भेजे गए तथा मुखबिर को भी एक्टिव कर दिया था।
इससे दोनों की पहचान थाना बिलाड़ा, जिला जोधपुर, ग्रामीण निवासी अशोक पुत्र पोकरराम विश्नोई और भोपालगढ़, जिला जोधपुर निवासी सुनील भादू पुत्र मालाराम विश्नोई के रूप में हुई।
नाम और फोटो के आधार पर जब उनके घर पहुंचे तो परिवार जनों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह दोनों फोटो उनके बेटों की हैं।
पूछताछ पर पता चला कि घटना के बाद से ही दोनों ही अपने घर नहीं गए। आसपास भी काफी तलाश की लेकिन दोनों नहीं मिले।
कोतवाली थानाधिकारी ने संबंधित पुलिस थानों में इनका रिकॉर्ड निकलवाया है। इसमें से सुनील पहले से ही शिवपुरा, पाली थाने में एनडीपीएस एक्ट में 2016 से वांटेड है।
जबकि अशोक के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज है। एसपी ने जानकारी मिलने पर चित्तौड़गढ़ पुलिस कंट्रोल रुम, पुलिस उप अधीक्षक, सदर व कोतवाली थाने को जानकारी देने को कहा है।