जयपुर/ राजस्थान में शिक्षा विभाग में शिक्षा मंत्रालय का पदभार संभालने के साथ ही नए शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला विभाग में एक बड़ा फेरबदल करने जा रहे हैं प्रदेश में एक बार फिर से प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर शिक्षक लगेंगे और अधिक शिक्षक होने पर उनको हटाया जाएगा प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में समानीकरण और स्टाफिंग पैटर्न कवायद शुरू कर दी है और 6 दिसंबर तक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूलों में विद्यार्थियों के अनुपात से अधिक लगे शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए हटाकर अन्यत्र लगाया जाएगा ।
प्रदेश के नए शिक्षा मंत्री तथा पांचवी बार शिक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले डॉक्टर बी डी कल्ला ने अपना कार्यभार संभालते ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर कर समानता लाने के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूलों में समानीकरण और स्टाफिंग पैटर्न व्यवस्था को फिर से लागू करने के दिशा निर्देश विभाग को दे दिए हैं और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षा मंत्री कला के दिशा निर्देश पर कार्य भी शुरू कर दिया है ।
31 अक्टूबर तक का आंकडा होगा
सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल में 31 अक्टूबर की छात्र संख्या के आधार पर समानीकरण किया जाएगा। इस दिन स्कूल में कितने विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है? ये आंकड़ा विभाग की साइट शाला दर्पण पर ऑनलाइन अपडेट करना होगा। इसके बाद NIC की ओर से स्टाफिंग पैटर्न को शाला दर्पण पोर्टल पर लाइव किया जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि कितने विद्यार्थियों पर कितने शिक्षक स्कूल में रहेंगे। जिले के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एक दिसम्बर तक हर स्कूल का डाटा चैक करेंगे और बाद में इसे लॉक करेंगे।
6 दिसम्बर को आएगी सूची
विभाग उन शिक्षकों की सूची जारी करेगा, जो स्कूल में छात्र संख्या के मुकाबले अधिशेष है यानी ज्यादा है। ऐसे शिक्षकों की बकायदा सूची जारी होगी। इन शिक्षकों को सीधे इधर-उधर भेजने के बजाय काउंसलिंग के माध्यम से अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा। काउंसलिंग के लिए भी शिक्षकों को इधर-उधर नहीं जाना बल्कि ऑनलाइन काउंसलिंग की जाएगी।
8 सदस्यीय दल का गठन
शिक्षा विभाग ने बीकानेर के संयुक्त निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया है जो राज्यभर में हो रहे समानीकरण पर नजर रखेगी। इस कमेटी में शाला दर्पण प्रकोष्ठ के उप निदेशक, , बीकानेर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, निदेशालय के प्रारम्भिक शिक्षा के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, शाला दर्पण के अनुभाग अधिकारी को शामिल किया गया है। इसके अलावा शैक्षिक अनुभाग, बजट अनुभाग और संस्थापन अनुभाग के अधिकारी को भी शामिल किया गया है।
शहरी क्षेत्र में होगी कमी दूर
शिक्षा विभाग को इस बार शहरी स्कूल में पद बढ़ाने भी पड़ सकते हैं। दरअसल, कोरोना के कारण सरकारी स्कूलो में बड़ी संख्या में बच्चों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में इन स्कूलो में शिक्षक भी बढ़ाने पड़ सकते हैं। खासकर महात्मा गांधी स्कूलो में बच्चों की संख्या में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। वहीं हिन्दी माध्यम के स्कूल में भी विद्यार्थी बढ़ गए हैं।