Bhilwara News ।राजस्थान में शिक्षा निदेशक सौरव स्वामी ने कोरोना काल संक्रमण के दौरान पिछले 10 माह से बंद पड़े सरकारी व निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को यथावत रखने के लिए नवाचार करते हुए स्माइली प्रोजेक्ट के जरिए ऑनलाइन क्लासेज शुरू की थी अब एक और नवाचार करते हुए वीडियो क्लासेज के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई कराने की तैयारी शुरू की गई है सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई वीडियो क्लासेस से पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य होगा और यह सब संभव हो पाया है गहलोत सरकार और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अगुवाई में शिक्षा निदेशक युवा आईएएस सौरव स्वामी के प्रयास और पहल से । इसे यूं कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी कि राजस्थान में सरकारी स्कूलों में स्मार्ट पढ़ाई का आगाज निर्देशक सौरभ स्वामी की ही देन है
राजस्थान सरकार अब बच्चों को किताबों की बजाए वीडियो से पढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में सबसे पहले राज्य सरकार खुद अपने स्टूडियो तैयार करवा रही है। सभी जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में इसके लिए काम शुरू कर दिया है। शुरुआत 6 से 8 वीं तक के लिए करीब 10 लाख बच्चों के लिए होगी। इसके बाद अगले चरण में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा।
कोरोनाकाल की शुरुआत में शिक्षा निदेशालय के निदेशक सौरभ स्वामी(आईएएस) की पहल व नवाचार से सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए ई-शिक्षा प्लेटफॉर्म पर पढ़ाई करवाई थी। लेकिन अब इसे नियमित और आसान बनाने के लिए स्टूडियो की व्यवस्था की जा रही है। स्टूडियो बनाने का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया है।
स्कूल खुलेंगे तो भी मिलता रहेगा सिलेबस
शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने बताया की कोरोनाकाल के बाद जब स्कूल खुल जाएंगे तो भी सरकारी स्कूल के बच्चों को सिलेबस का अधिकतर हिस्सा वीडियो के जरिए उपलब्ध होता रहेगा। इसके लिए हर जिले में चुनिंदा शिक्षको को तलाशा जा रहा है। उनको प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वह सरकार की तरफ से तैयार हो रहे स्टूडियो में जाकर रिकॉर्डिंग करेंगे। इसके बाद वीडियो को यूट्यूब चैनल या ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा। वहां से छात्र वीडियो की मदद से पढ़ाई करे सकेंगे।
डाइट्स में उपलब्ध सामान इस्तेमाल होगा
राज्य के सभी जिलों में स्थित डाइट्स (जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान) में स्टूडियो पहले से थे। पिछले कुछ सालों में इनकी देखभाल नहीं होने से उपकरण या तो खराब हो गए या फिर इधर-उधर हो गए। अब सभी डाइट्स प्राचार्यों को इन स्टूडियो को पुन: तैयार करने के लिए बोला गया है। आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था भी की जाएगी।
सिलेबस का ई-बैंक होगा
सभी विषयों का चैप्टर ऑनलाइन होने के साथ ही शिक्षा विभाग के लिए ई लाइब्रेरी तैयार हो जाएगी। सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के बच्चे हर साल इस ई लाइब्रेरी के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे। यह पहला अवसर होगा, जब राजस्थान में सरकारी स्कूलों के बच्चे भी हाइटेक पढ़ाई कर सकेंगे।
कितने बच्चे होंगे लाभान्वित
राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक में करीब 10 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इन सभी बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ जल्द ही मिलना शुरू हो जायेगा। निजी स्कूलों में इन्हीं कक्षाओं में करीब 5 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, वो भी लाभ उठा सकते हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बच्चों के पास मोबाइल व इंटरनेट की सुविधा नहीं है।