Bhilwara। भीलवाड़ा शहर सहित जिलेभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने कोहराम मचा रखा है और सरकार सहित जिला कलेक्टर शिव प्रकाश एवं नकाते और पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के नेतृत्व में पूरा प्रशासनिक अमला इस कोरोनावायरस संक्रमण की चैन को तोड़ने तथा फैलने से रोकने के
लिए पूरी तरह से दिन रात प्रयास कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी अस्पताल के प्रबंधन की छोटी सी लापरवाही से यह संक्रमण अस्पताल परिसर में पुनः फैल सकता है अगर इस पर त्वरित गति से ध्यान नहीं दिया गया तो।
कोरोनावायरस संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सरकार सहित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ आम जनता का पूरा सहयोग भी जरूरी है तभी इस संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सकता है लेकिन महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में कोरोना मरीजों के परिजन ही लापरवाही बरत रहे हैं और अस्पताल प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में असफल साबित हो रहा है जो बड़ा संक्रमण का कारण बन सकता है ।
कोविड-19 वार्ड मे जाने लिए परिजनों को पीपी किट पहनना पड़ता है और पीपीईकीट पहन मरीज से मिलकर लोग बाहर आ रहे हैं और पीपी किट को वार्ड के बाहर ही उतारने के बजाय इसे पहनकर अस्पताल की सड़कों पर घूमते रहते हैं और सबसे बड़ी लापरवाही अस्पताल परिसर में ही निवास करने वाले डॉक्टर, नर्सिंग कर्मी और मंत्रालय कर्मचारियों के क्वार्टर के बाहर पीपीटी ,हाथ के गलब्स ,अस्पताल में निधन होने वाले रोगियों के बिस्तर इन आवासों के बाहर इधर उधर पड़े रहते हैं।
स्थितियां तो यहां तक है कि इन सभी क्वार्टर में रहने वाले आवासों के बाहर अस्पताल में आने जाने वाले रोगियों के वाहनों की कतारें लगी रहती है और यहीं पर वह पीपीई किट भी पहनते हैं और पुनः यही पर पी पी ई कीट उतार कर फेंक कर चले जाते हैं ।
विशेषज्ञो की माने तो यह पीपीई किट पहनकर घूमना काफी खतरनाक और दूसरों के लिए जानलेवा है। इसके बावजूद यह लोग पीपीई किट को कभी अस्पताल परिसर की नालियों व कभी आवासीय परिसर के बाहर फेंक कर चले जाते हैं।
अस्पताल परिसर की सभी सड़को पर लोग पीपीई किट पहनकर घूमते देखे जा सकते है। सड़क पर कई जगह सुबह सुबह पीपीई किट कचरे की तरह खुले में भी पड़े रहते है। महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में खुलेआम पीपीई किट पहनकर घूम रहे मरीज के परिजन पीपीई किट पहने अस्पताल परिसर के अलावा बाहर तक भी पहुँच जाते है। अस्पताल परिसर के बाहर अधिकांश दुकानों पर पर भी इन्हें सामान खरीदते हुए देखा जा सकता है।
आवासीय परिसर के रास्ते पर नहीं लगा रखे हैं अवरोधक
अस्पताल प्रशासन को आवासीय परिसर में रहने वाले डॉक्टर, हेल्थ वर्करो, मंत्रालियिक कार्मिको व उनके परिजनों की कोई चिंता नहीं है। यही कारण है कि अस्पताल परिसर में अधिकांश जगह आवाजाही रोकने के लिए लकड़ी की बलिया लगा कर अवरोधक बना आवागमन बंद कर रखा है लेकिन आवासीय परिसर की सड़क पर अवरोधक नहीं लगे होने से लोग पीपीई किट पहन कर घूम रहे हैं। वहीं पर उन्हें बदल रहे हैं।
बेधकड तेजगति से वाहन इस आवासीय परिसर मार्ग सै गुजरते है जिससे बडी दुर्घटना से भी इंकार नही किया जा सकता आवासीय परिसर में सड़क से वाहन भी दिनभर गुजरते रहते है। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वह आवास में रहने वालों की सुरक्षा के लिए इस मार्ग को बंद करें। और पीपीपी किट पहनकर बाहर घूमने वालों पर कार्रवाई करें।
आवासीय परिसर में रहने वाले हेल्थ वर्कर दे चुके हैं ज्ञापन
आवासीय परिसर में व्याप्त समस्याओं को लेकर क्षेत्र के हेल्थ वर्कर महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अरुण गौड़ को लिखित में ज्ञापन दे चुके हैं । ज्ञापन में पीपीई किट पहन कर घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने, कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने, धड़ल्ले से गुजरने वाले वाहनों पर रोक लगाने सहित विभिन्न मांगें की गई। ज्ञापन देने के बावजूद अब तक क्षेत्र के हेल्थ वर्करो व उनके परिजनों को कोई राहत नहीं मिली ।
इनकी जुबानी
हमने आवासीय परिसरों के बाहर और इस रोड पर पड़े रहने वाले पीपीई कीट, गलब्स आदि सामान को उठाने की व्यवस्था कर रखी है और इस आवासीय परिसर में रहने वालों का ज्ञापन मिला है इस रोड पर भी बैरिकेड लगाकर आवागमन बंद करने की व्यवस्था करता हूं।
डॉक्टर अरुण गौड
पीएमओ महात्मा गांधी अस्पताल भीलवाड़ा