प्रगतिशील लेखक संघ की साहित्य को गांवों में ले जाने की मुहिम
राजेन्द्र जती ,भरतपुर
राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से ग्रामीण अंचलों में साहित्यिक आयोजनों की शुरू की गई श्रृंखला के तहत अंचल सृजन-यात्रा का अगला पड़ाव 14 और 15 जुलाई को वैर में होगा। देश के पुरोधा साहित्यकार रांगेय राघव की वैर कर्म स्थली रही है और यह आयोजन उन्हीं को समर्पित होगा। वैर के नौलखा बाग स्थित सफेद महल में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
पहले दिन शनिवार की शाम विख्यात रंगकर्मी मुकेश वर्मा के नेतृत्व में लोकगीतों और जन गीतों की प्रस्तुति होगी। अगले दिन रविवार की सुबह रचना पाठ का कार्यक्रम होगा। इसमें चर्चित कथाकार चरण सिंह पथिक रांगेय राघव की प्रसिद्ध कहानी “गदल” की पात्र गदल के गांव की उनके द्वारा की गई खोज और कहानी का आधार बने उस दौर के घटनाक्रम पर अपना व्याख्यान देंगे। विख्यात आलोचक राजाराम भादू ब्रज क्षेत्र में सांस्कृतिक और प्रगतिशील आंदोलन पर रोशनी डालेंगे।
कार्यक्रम में जयपुर से प्रेमचंद गांधी, कृष्ण कल्पित, भागचंद गुर्जर आदि के साथ ही स्थानीय रचनाकार अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। भरतपुर के स्थानीय साहित्यकारों में सुभाष उपाध्याय, मुरारी सक्सेना, रामबाबू शुक्ला, अशोक सक्सेना, रामबाबू विद्रोही, अर्चना बंसल, अशोक ढाकरे, महेश मयंक, रेणु दीपक, अजय शर्मा, मनमोहन अभिलाषी, राजेन्द्र जती आदि अंचल सृजन यात्रा में शामिल होंगे।
इस अवसर पर प्रगतिशील लेखक संघ की भरतपुर जिला इकाई का गठन भी किया जाएगा।