Bharatpur/ राजेन्द्र शर्मा जती। राजस्थान के भरतपुर सम्भाग में धौलपुर के बाड़ी में बुधवार को संवेदनाओं की उस समय मौत होती नजर आई जब राजकीय अस्पताल के सामने महिला तड़पती रही, परिजन मिन्नत करते रहे; कोई देखने तक नहीं आया, बाद में डॉक्टर बोले- मर गई, घर ले जाओ।
इस मामले में पुलिस की संवेदनहीनता की हालत यह रही कि इस गम्भीर महिला को जिस समय बाइक से अस्पताल लाया जा रहा था तो पुलिस ने 200 रुपये का उनका चालान भी काट दिया। राजकीय अस्पताल के गेट पर बदहवास पड़ी थी। परिजन डॉक्टरों से गुहार लगा रहे थे। कोई तो आए, उसे देख ले। मिन्नत कर-कर के थक गए, पर अस्पताल में किसी ने नब्ज तक नहीं टटोली।
तड़प-तड़प कर अधेड़ महिला ने दम तोड़ दिया और सिस्टम मुंह चिढ़ाता रहा। दिल को झकझोरने वाली यह घटना धौलपुर के बाड़ी कस्बे के सरकारी अस्पताल की है। रोते-बिलखते परिजनों का जब धैर्य जवाब दे गया तो माहौल गरमाया।
भनक लगते ही मौके पर एसडीएम व सीओ आए और शांत कराया। बहरहाल इस घटना पर एसडीएम-सीओ कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार सुबह बसेड़ी के आकपुरा गांव निवासी राम सिंह कुशवाह की पत्नी नत्थो (55) की तबीयत बिगड़ने लगी।
परिवार के नवल सिंह कुशवाह ने बताया कि 10 दिन पहले ही नत्थो ने कोरोना वैक्सीन लगवाई थी। उसी के बाद से उसकी तबीयत खराब रह रही थी। सुबह जब ज्यादा स्थिति बिगड़ने लगी तो हम लोग एंबुलेंस की व्यवस्था में जुट गए।
काफी प्रयास के बाद भी एंबुलेंस नहीं मिली। बुधवार सुबह करीब 9 बजे थक-हारकर बाइक पर ही बैठाकर अस्पताल के लिए रवाना हो गए। अधेड़ महिला को अस्पताल लाते समय बीच रास्ते में पुलिस ने रोक लिया। 200 रुपये जुर्माना देकर जैसे-तैसे छूटे तो अस्पताल की ओर रवाना हुए। सुबह करीब साढ़े दस बजे 12 किलोमीटर का सफर तय कर बाड़ी के राजकीय अस्पताल पहुंचे।
मेन गेट पर महिला बदहवास पड़ी रही, पर कोई देखने नहीं आया। लगातार हालत बिगड़ रही थी। परिजन गिड़गिड़ा रहे थे। अस्पताल के किसी स्टाफ ने देखने की जहमत नहीं उठाई।
महिला की बिना प्राथमिक जांच किए, हालचाल पूछे ही चिकित्सकों ने कोरोना जांच कराकर आने को कहा। सुबह करीब 11 बजे परिजन जांच कराकर गेट पर पहुंचे, तब तक महिला की हालत और बिगड़ने लगी। परिवारवाले चीख-पुकार करते रहे, चिकित्सकों को बुलाते रहे, लेकिन कोई डॉक्टर सामने नहीं आया
। अस्पताल गेट पर बदहवास परिजन डॉक्टरों की मिन्नत कर रहे थे कि कोई तो आए महिला की जांच कर लें। इतने में चिकित्सकों ने दूर से ही बोल दिया- मर गई है। अब इसे घर ले जाओ।
ऐसा सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मामले की खबर सुनकर एसडीएम राधेश्याम मीणा और सीओ बाबूलाल मीणा मौके पर पहुंच गए, जिन्हें परिजनों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। परिजनों में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ भारी गुस्सा है।बाड़ी सामान्य चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. शिवदयाल मंगल का कहना है की इस महिला की मृत्यु किस कारण हुई है, इसकी जानकारी नहीं है।
हमने पहले महिला को कोविड जांच के लिए लिखा था। उसके बाद चिकित्सक सचिन ने भर्ती कराने के लिए लिखा। इससे पहले ही गेट के सामने महिला ने दम तोड़ दिया। इसका हमको भी दुख है।
हमने परिजनों से पोस्टमार्टम के लिए कहा था, लेकिन परिजनों ने इंकार कर दिया। एंबुलेंस से शव उनके गांव भेज दिया।