महिलाओं को समाज में भागीदारी के लिए शिक्षित एवं सशक्त होना होगा – महापौर

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भरतपुर/ राजेन्द्र शर्मा जती। रामेश्वरी देवी राजकीय कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में ‘‘राष्ट्रीय युवा सप्ताह‘‘ के तहत ‘‘बाल विवाह कानून एवं विवाह आयु‘‘ विषय पर नगर-निगम मेयर अभिजीत कुमार के मुख्य आतिथ्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. धीरेन्द्र देवर्षि ने की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अभिजीत कुमार ने कहा कि युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानन्द ने कहा था कि समाज में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए शिक्षित एवं सशक्त होना आवश्यक है।

उन्होंने बालविवाह कानून की ऐतिहासिक पृृष्ठभूमि का वर्णन करते हुए कहा कि भारत में सर्वप्रथम बालविवाह निषेध अधिनियम-1929(शारदा एक्ट) लाया गया जिसमें लड़की के विवाह की न्यूनतम आयु 14 वर्ष व लड़के के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष तय की गई।

जिसे बाद में बढाकर लड़कियों के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं लडके की 21 वर्ष कर दी गई अब सरकार द्वारा विवाह की आयु बढाने के सम्बन्ध में विधेयक संसद में प्रस्तावित है जिसका उद्देश्य लैंगिक समानता, लड़कियों को पढ़ने हेतु अधिक अवसर देना तथा उन्हें विवाह से पहले मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त करना है।

उन्होंने इस प्रस्तावित संशोधन के लक्ष्यों व उद््देश्यों के विभिन्न पहलुओं तथा उन्हें प्राप्त करने हेतु किए जाने वाले अन्य प्रयासों पर विस्तृृत चर्चा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डाॅ. धीरेन्द्र देवर्षि ने कहा कि सरकार द्वारा समय-समय पर बनाये जाने वाले कानूनों के बारे में सभी छात्राओं को जानकारी रखनी चाहिए एवं अपने जनप्रतिनिधियों या अन्य संगठनों के माध्यम से अपने विचार रखने चाहिए।

मंच संचालन एन.एस.एस. अधिकारी श्री जगदीश कुमार ने किया तथा श्रीमती ललिता बैरवा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर डाॅ. आर.सी.वर्मा, डाॅ. सीताराम लहरी, मानसिंह मीणा व दीवान सिंह आदि उपस्थित रहे तथा एन.एस.एस. सहायकों मोहन सिंह, जगमाल सिंह सागर, दीपक कुमार व योगेन्द्र सिंह ने सहयोग किया।
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