Bharatpur/राजेन्द्र शर्मा जती।भरतपुर के व्यापारी अब सरकार के द्वारा लगाए गए लाॅकडाउन के विरोध में उतर गए हैं। मंगलवार को व्यापारियों के द्वारा प्रदेश सरकार के द्वारा लगाए लगाए गए लाॅकडाउन के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया गया।
व्यापारियों का कहना है कि सरकार लाॅकडाउन को वापस ले अन्यथा व्यापारी मजबूरन शटर उठाने को बाध्य होगा।वहीं भरतपुर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं जन जन के प्रिय नेता गिरधारी तिवारी ने भी व्यापारियों की मांग का समर्थन किया है।
प्रदेश में कोरोना के दिनों दिन बढ रहे मामलों को रोकने के लिए गहलोत सरकार के द्वारा आगामी 3 मई तक के लिए लाॅकडाउन लगाया गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस लाॅकडाउन का नाम जन अनुशासन पखवाडे दिया है। सरकार के द्वारा जनअनुशासन पखवाडे के दौरान सिर्फ आवश्यक सेवाओं को ही जारी रखने के निर्देश दिए गए है। जिसके तहत फल, सब्जी, डेयरी, किराना की दुकानों सहित अन्य आवश्यक जरूरतों की दुकानों को ही खोलने के लिए अनुमत किया गया है।
वहीं शराब की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दी जा चुकी है। पिछले साल सरकार के द्वारा लगाए गए लाॅकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुआ व्यापारी वर्ग सरकार के द्वारा एक बार फिर से लगाए गए
लाॅकडाउन के विरोध में आ गया है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि सरकार के द्वारा कुछ सुविधाओं की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई।
जबकि काफी संख्या में व्यापार की ट्रेडस को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके बावजूद बाजार में अब भी काफी भीड है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार के द्वारा शादी समारोहों के लिए 50 लोगों की निर्धारित संख्या कर आयोजन करने की अनुमति दी है।
यातायात सुविधाए भी इस लाॅकडाउन में जारी है। औद्योगिक ईकाईयों को भी इस लाॅकडाउन के दौरान जारी रखने की अनुमति दी गई है। ऐसे में सिर्फ व्यापारी वर्ग को ही इस लाॅकडाउन की बलि क्यौं बनाया जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि अब व्यापारी सरकार के लाॅकडाउन को किसी
कीमत पर नहीं मानेगा। इस लाॅकडान के कारण व्यापारी वर्ग को काफी आर्थिक संकट से गुजरना पड रहा है।
अगर सरकार के द्वारा लाॅकडाउन को नहीं हटाया गया तो व्यापारी मजबूर होकर खुद अपने प्रतिष्ठान की शटर खोल लेगा। चाहे इसके लिए कुछ भी करना पडे। जिला व्यापार महासंघ के शहर अध्यक्ष भगवान दास बंसल ने कहा कि व्यापार महासंघ पूर्ण रूप से लॉकडाउन का विरोध करता है और
राजस्थान सरकार से यह मांग करता है कि पूर्ण लॉक डाउन की जगह ट्रेड वाइज थोड़े थोड़े समय के लिए सभी ट्रेडॉ को खोला जाए।
जैसे कि सुबह 6-00 से 8-00 दूध 8 बजे से 10 तक किराना 10 से 12 कपड़े जूते 12-00 से 3-00 ज्वेलरी ऑटोमोबाइल इस तरीके के और भी अन्य ट्रेनों को समय सीमा में खोला जाए तथा
ई-मित्रों को तुरन्त खोला जाये जिससे कि सभी ट्रेडॉ के व्यापारियों को राहत मिल सके व सभी आमजन को भी सभी सामान उपलब्ध हो सके क्योंकि यह एक शादी विवाह का सीजन है।
सभी तरीके के ट्रेडॉ की दुकानें खुलने से आमजन को भी सभी सामान मिल जाएगा और सभी ट्रेडॉ के दुकानदारों को भी इससे राहत मिल जाएगी कोरोना की गंभीरता को सभी व्यापारी समझते हैं। इसके लिए बाजारों में कड़ाई से करोना गाइडलाइन की पालना कराई जाए।
इसमें व्यापारी पहले भी सहयोग देता आया है और आगे भी पूर्ण सहयोग देता रहेगा इस मौके पर व्यापार महासंघ के महामंत्री नरेन्द्र गोयल ने कहा कि व्यापारियों के द्वारा अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर सरकार को अपनी मांगों के बारे में अवगत कराया जा चुका है। व्यापारी सरकार के लाॅकडाउन के विरोध में है।
उन्होने कहा कि सरकार व्यापारियों को दुकान खोलने के लिए मजबूर ना करे। सरकार समय
रहते लाॅकडाउन की प्रक्रिया में बदलाव करे। सभी व्यापारियों को समयबद्ध रूप से अपने अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दे। उन्होने कहा कि देश के कई प्रान्तों में राजस्थान से ज्यादा हालत खराब है।
लेकिन कुछ प्रान्तों को छोडकर सभी में लाॅकडाउन नहीं लगाया गया है। वहंी राजस्थान के
व्यापारियों को अभी से लाॅकडाउन के संकट में धकेला गया है। वहीं समाजसेवी गिरधारी तिवारी ने कहा कि वर्तमान समय में आवश्यकता है कि रोजगारों को बचाया जाए। लेकिन सरकार के द्वारा लाॅकडाउन लगा कर व्यापारियों को संकट में डाल दिया है।