टोंक,(फ़िरोज़ उस्मानी) जिलेभर में कल शब-ए-बारात मनाई जाएगी। इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से शाबान की 14 तारीख की रात को शब-ए-बारात होती है। मुसलमानों में इस इबादत की रात का बहुत महत्व है। इस अवसर पर अपने मरहूम बुज़ुर्गो और अज़ीज़ों की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ी जाती है। इसके लिए लोगों ने कब्रस्तान में साफ सफाई और रोशनी का इंतज़ाम किया गया है। इसके साथ ही मस्जिदों में इबादत भी की जाती है। अपने गुनाहों के लिए तौबा करते है। साथ ही दुआएं करते है। इस दिन मुस्लिमों के घरों में हलवा और शरबत बनाकर गरीबों में बांटा जाता है।
चार मुकद्दस रातों में से एक है
शब-ए-बारात इस्लाम की चार मुकद्दस रातों में से एक है। इसमें पहली आशूरा की रात, दूसरी शब -ए-मेराज, तीसरी शब -बारात और चौथी शब -ए -कद्र है। शाबान के महीने के बाद रमज़ान माह शुरू होता है।