जो तुमसे बड़े हो उनके सामने कभी भी गरीब मत बनना
दूनी (हरि शंकर माली)। देवली उपखण्ड के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ‘सुदर्शनोदय’ तीर्थ आँवा मे चल रहे चातुर्मास मे महाराज ससंग मे मुनि श्री सुधा सागर जी ने अपने मंगल प्रवचनों मे कहा की मनुष्य योनि मे आए हो तो आपकी कितनी भी स्तिथी खराब हो तो भी देवसाद , गुरु ओर माँ बाप ओर तो ओर जो तुमसे बड़े हो उनके सामने कभी भी गरीब मत बनना । आज के समय में पैसा ही सब कुछ है और लोगों की मानें तो आज पैसे से सब कुछ खरीदा जा सकता है। इसी वजह से आज अमीर हो या गरीब हर किसी के चेहरे पर एक अजीब सा डर छाया रहता है के की आने वाला समय कैसा होगा । संसार में ऐसे प्राणी विरले ही होते है जो सोचते होंगे की ‘‘मेरी आत्मा का कल्याण कैसे हो? लेकिन भाग्य की भूमि पर ही पुरूषार्थ के बीज अंकुरित होते है। हमारे जीवन में जो कुछ भी घटित होता है तो उसके दो ही कारण है, पहला अन्तरंग दूसरा बहिरंग। अर्थात् बाहय निमित्त और वस्तु की उपादन शक्ति होने पर ही कार्य होता है। यदि सुक्षेत्र, सुद्रव्य, सुकाल मिला जाए तो आत्मा परमात्मा बन सकती है क्योंकि आत्मा में परमात्मा बनने की उपादान शक्ति विद्यमान है।
यदि हमें अपने भावों को निर्मल बनाना है तो अपने द्रव्य, क्षेत्र, काल आदि को निर्मल बनाना आवश्यक है। परिणाम निर्मल होने पर गरीबी में भी जीवन का आनन्द लिया जा सकता है। जबकि परिणाम मलिन होने पर अमीरी में भी जीवन संक्लेशित हो जाता है भाव एक ऐसा प्रवाह है जिससे राग द्वेष की कीचड़ धुल जाती है। यदि भाव गलत है तो जीवन निस्सार है और यदि भाव सही है तो जीवन में जीवंतता आ जाती है।
अपनी कमजोरी मत बताओ, वो सब जानता है
प्रवचन पाण्डाल में परम पूज्य मुनि पुंगव सुधा सागर जी महाराज ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंसान भगवान के पास जाता हे ओर अपनी गरीबी पर रोता है अपनी किस्मत की मार पर रोता है लेकिन ऐसा करना मे समझता हु की ऐसा करना गलत है , उसके दरवाजे पर झोली क्यो फैलाते हो क्या वो नहीं जानते |
मुनिश्री ने कृष्ण और सुदामा के प्रसंग सुनाकर कहा कि सुदामा कितना ही गरीब था लेकिन वो कृष्ण के सामने अपने हाथ नही फैलाय, क्योकि सुदामा जानता था कि वो सब जानता है, उसकी माया का कोई पार नही।
देश के कोने कोने से आरहे है श्रद्धालु
अध्यक्ष नेमिचन्द जैन , समिति के ओम प्रकाश जैन ,धर्मचंद जैन , आशीष जैन, श्रवण कोठारी ने बताया की मुनि श्री के दर्शनार्थ श्रद्धालु राजस्थान के भीलवाडा,अजमेर, किशनगढ़ , ब्यावर , बांसवाड़ा , कोटा , बूंदी ,टोंक , स्वाइमाधोपुर , जयपुर के साथ साथ मध्यप्रदेश ,उत्तरप्रदेश , महारास्ट्र , नोएडा , से भी श्रद्धालु संत श्री का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे है