2013 में रिकार्ड मतों से जीत, राजे और शाह का वरदहस्त, पार्टी की सहानुभूति बनेगी 2023 के टिकट का आधार,जनता को बहुत याद आने लगे हैं पूर्व स्थानीय विधायक अजीत मेहता

Dr. CHETAN THATHERA
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Tonk News (भावना बुन्देल) । 2013 के विधानसभा चुनाव में 189707 मतदाताओं वाला टोंक विधानसभा क्षेत्र भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता को रिकार्ड 30343 मतों से जिताकर कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। जिन उम्मीदों से टोंक की जनता ने मेहता को विधायक बनाया था, उन अपेक्षाओं पर खरा उतरने में युवा विधायक पूरी तरह कामयाब रहे। मिलनसार, मृदुभाषी, सरल व समर्पित स्वभाव के लिए मशहूर अजीत मेहता को 2018 के चुनाव में भाजपा अपना प्रत्याशी बना चुकी थी किन्तु एन वक़्त पर उनका टिकट काटकर यूनुस खान को चुनाव लड़वाया गया। हालांकि भाजपा का ये प्रयोग पूरी तरह विफल रहा, लिहाजा उन्हें सीट गंवानी पड़ी। जानकारी के मुताबिक़ लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने मेहता की नाराजगी दूर करते हुए ये आश्वासन दिया कि 2023 के चुनाव में उन्हें ही टिकट दिया जाएगा। वर्तमान में मौजूदा हालात को भांपकर वे लगातार सक्रिय हैं और अपने राजनीतिक कैरियर की दूसरी पारी खेलने के लिए तत्पर हैं। ऊपर तक अपनी पकड़ मजबूत बना चुके मेहता को शायद ही किसी प्रकार की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे और गृहमंत्री का वरदहस्त भी मेहता को प्राप्त है। सूत्रों के अनुसार गृहमन्त्री अमित शाह से भी मेहता के नजदीकी सम्बन्ध बताए जाते हैं।


छत्तीस कौमों का चहेता चेहरा


आम लोगों के लिए सहजता और सरलता से उपलब्ध रहने वाले मेहता काफी सक्रिय रहते हैं। उनसे हर किसी को मदद की उम्मीद रहती है, लिहाजा काला बाबा में उनके निवास पर हमेशा मिलने- जुलने वालों की भीड़ लगी रहती है। उनके इर्द- गिर्द लगा हुआ कार्यकर्ताओं का हुजूम उनकी लोकप्रियता की तगड़ी सनद है। उनके विरोधी भी उनके कार्यकाल को बेमिसाल करार देते हैं। युवाओं में यूथ आइकन के रूप में प्रसिद्ध हो चुके पूर्व विधायक को उनके प्रशंसक ‘विकास पुरूष’ की संज्ञा भी दे चुके हैं। मेहता को टोंक में छत्तीस कौमों का नेता माना जाता है। विकास के नजरिए से भी उनके कामों की आज तक प्रशंसा होती है। पिछली विधानसभा में मुखर रह चुके पूर्व विधायक मेहता ने विधानसभा सत्रों में सैंकड़ों प्रश्न पूछकर अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उनके द्वारा पूछे कई सवालों को तारांकित भी किया जा चुका। विधायक के रूप में उनका उल्लेखनीय प्रदर्शन, राजे- शाह का वरदहस्त, संघ से नजदीकियां और टिकट कटने से उत्पन्न पार्टी की सहानुभूति के आधार पर कहा जा सकता है कि वे 2023 में दोबारा टिकट हासिल कर लेंगे।


अतीत से वर्तमान तक का सियासी परिदृश्य


1951 से लेकर 2018 तक टोंक विधानसभा में 18 बार चुनाव और उपचुनाव हुए हैं। 1972 के विधानसभा चुनाव में सबसे कम मार्जिन से नतीजा निकला था, जब भारतीय जन संघ के प्रत्याशी अजित सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी निजामुद्दीन को बहुत मामूली अंतर 248 वोट से हराया था। अजित सिंह को 12508 वोट तथा निजामुद्दीन को 12260 वोट मिले थे। जीत का सर्वाधिक अन्तर 2018 के चुनाव में रहा, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट ने भाजपा के यूनुस खान को 54179 वोटों से हराया। सचिन पायलट को 109040 वोट मिले, वहीँ यूनुस खान को महज 54861 वोट मिले।

इस सीट से भाजपा के महावीर प्रसाद जैन सर्वाधिक चार बार ( 1980, 1990 1993 व 2003) विधायक रहे। वहीं कांग्रेस की जकिया तीन बार (1985, 1998 व 2008) विधायक बनीं। कांग्रेस के लालू राम दो बार (1951 व 1957) तथा भारतीय जनसंघ/ जनता पार्टी के अजित सिंह भी दो बार (1972 व 1977) विधायक रहे। भाजपा के महावीर प्रसाद जैन ही ऐसे एकमात्र विधायक रहे, जो लगातार दो बार 1990 व 1993 का चुनाव जीते। उनके अलावा कोई भी व्यक्ति यह करिश्मा दोबारा नहीं दोहरा सका है। अब तक संपन्न 18 चुनावों में टोंक से 7 मुस्लिम प्रत्याशियों जकिया, सऊद सईदी, अल्ताफ हुसैन, निजामुद्दीन, एम. आर. बेग, आरिफ जुबैरी और मोहम्मद अली ने हाथ आजमाए हैं, जिसमें केवल जकिया ही विधायक बनने में कामयाब रही।


246 मतदान केन्द्रों वाला टोंक विधानसभा क्षेत्र


टोंक विधानसभा में मण्डा, लक्ष्मीपुरा जाटान, अलियारी, मोतीपुरा, हमीरपुर, काचरिया, श्रीरामपुरा, कुहाडा खुर्द, इन्दोकिया, चूली, गेदिया, कालानाडा, लाम्बाकलां, सदापुरा, कल्याणपुरा जाटान, ढाणी बालापुरा (बावड़ी), बावड़ी, गणेशगंज (गोपालपुरा), गोपालपुरा, माधोगंज, बनेडिया बुजुर्ग, जैकमाबाद, गाणोली, कल्याणपुरा कुर्मीयान, गणेती, बीबोलाव, सैतीवास, खरेड़ा, लक्ष्मीपुरा उर्फ ढण्ड, रघुनाथपुरा कुमावतान, जरकिया उर्फ राधावल्लभपुरा, मोर भाटियान, मोरडा, मोडियाला, छाण मय बास सूर्या, बरवास, मोहम्मदनगर, पालडा, बोरदा, लहन, अहमदपुरा, डारडाहिन्द, पालड़ी, तालिबपुरा, अमीनपुरा, मेहन्दवास, मालियों की झौंपडिय़ा, अरनियानील, करीमपुरा, दाखिया, अमीरपुरखेड़ा, छान, अलीपुरा, महुआ, भरनी, रानीपुरा उर्फ नयागांव, थली, सांखना, भंवर खौ, वजीरपुरा कलां, ताखोली, निरबाना, सण्डीला, नीमोला, लाम्बा, अरनियामाल, गोहरपुरा, सोनवा, अल्लापुरा, चन्दलाई व बिचपुड़ी, टोंक नगर परिषद क्षेत्र में सोलंगपुरा, मोदी की चौकी, वजीरपुरा, सरवराबाद, श्योपुरी, सोरण, इस्लामपुरा, चिरौंज, कारोला, हथोना, शुक्लपुरा, दादिया, मोटूका, बरोनी, पराना, खलीलाबाद, वजीराबाद, देवली, भांची, मण्डावर, सीतारामपुरा, अरनिया केदार, नूरपुरखेड़ा, देवपुरा, सुनेलाहाजीपुरा, बिठोला, करीरिया, अहमदपुरा चौकी, साडागांव, उटीटाणा, खजूरिया, बोरडी जागीर, हरचन्देडा, इलाहीपुरा, बम्बोर, लतीफगंज, रहीमपुरा उर्फ धोलीतलाई, घांस, रसूलपुरा, लवादर, ऊम, काबरा, याकूबगंज, बिशनपुरा झालरा आदि शामिल हैं।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम