लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद से ही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बिना किसी अध्यक्ष के है, लेकिन सब कुछ ठीक रहा तो करीब ढाई महीने के बाद उसे नया अध्यक्ष मिलने वाला है। 10 अगस्त को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें नए अध्यक्ष पर फैसला हो सकता है। इस बीच मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके मिलिंद देवड़ा ने सचिन पायलट या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग की है।
हालांकि पार्टी के कई दिग्गज नेता अध्यक्ष पद के लिए खुलकर प्रियंका गांधी वाड्रा की वकालत कर रहे हैं। उनकी दलील है कि गांधी परिवार के बिना पार्टी बिखर सकती है और सिर्फ यही परिवार ही पार्टी में सबको एकजुट रख पाएगा।
गांधी परिवार के करीबी सहयोगी और 5 दशकों से ज्यादा वक्त से कांग्रेस से जुड़े हुए कर्ण सिंह ने कहा है कि प्रियंका पार्टी अध्यक्ष के रूप में सबको ‘एकजुट करने वाली ताकत’ होंगी और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा। सिंह ने यह भी कहा कि नेतृत्व मुद्दे पर निर्णय न होने से कांग्रेस को ‘निश्चित रूप से नुकसान’ पहुंचा है। उन्होंने आगाह किया कि आगे और ‘नेतृत्वविहीन’ रहना पार्टी के लिए ‘गंभीर रूप से हानिकारक’ होगा। इससे पहले शशि थरूर भी प्रियंका गांधी को करिश्माई नेता बताते हुए उन्हें कांग्रेस की कमान देने की पुरजोर वकालत की थी। थरूर के बयान को कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी समर्थन मिला जो पहले ही किसी युवा को पार्टी का नेतृत्व देने की पैरवी कर चुके थे
पायलट को मिले कमान: देवड़ा
इस बीच हाल ही में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके मिलिंद देवड़ा ने पार्टी अध्यक्ष के लिए सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम की पैरवी की है। देवड़ा ने रविवार को कहा कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के इस बयान से सहमत हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष किसी युवा को होना चाहिए, जिसके पास चुनावी, प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव हो और जिसका पूरे देश में प्रभाव हो। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया में ये सारी खूबियां हैं और वे पार्टी को मजबूती दे सकेंगे।
पायलट या सिंधिया के पक्ष में बयान को कहीं प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ न देखा जाए, इसलिए देवड़ा ने बाद में अपने बयान पर सफाई भी दी। देवड़ा ने कहा, ‘मुझे खुशी होगी अगर वह (प्रियंका) आगे आएं और नेतृत्व करें। हालांकि, जब गांधी परिवार स्पष्ट कर चुका है कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होना चाहिए तो इस बात की संभावना की नहीं है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने 25 मई को हुई CWC मीटिंग में पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त उनके इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी ने उन्हें पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था, हालांकि गांधी अपने रुख पर अड़े रहे और स्पष्ट कर दिया कि न तो वह और न ही गांधी परिवार का कोई दूसरा सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए कई वरिष्ठ नेताओं के नाम चर्चा में रहे। मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे, मीरा कुमार जैसे कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा भी हुई।