राज्य की गहलोत सरकार ने ठाले हुए बेरोजगार हाथों का काम देकर आर्थिक संबल दिया – अशोक बैरवा

liyaquat Ali
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सवाईमाधोपुर । प्रदेश कंाग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व केबिनेट मंत्री अशोक बैरवा ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कोविड 19 के तहत देश की बिगडी अर्थ व्यवस्था को चुस्त एवं दुरूस्त कर पटरी पर लाने के लिए एवं कोरोना से प्रभावित लोगों को राहत पैकेज देने की घोषणा थोथी एवं छलावा ही साबित हुई। बैरवा ने कहा कि आज प्रभावित को नकद की जरूरत हैं ऐसे में कर्जे को ही राहत बताकर देश के अवाम को गुमराह ही किया है।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व केबिनेट मंत्री अशोक बेैरवा शनिवार को कुशालीपुरा अपने नीजि आवास पर इस संवाददाता से अनौपचारिक बात चीत में बोल रहे थे। उन्होने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार की करनी एवं कथनी मे कोई अंतर नही हैं।

उन्होने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री गहलोत ने आज तक जो भी कहा हैं वो घोषणाऐं पूरी की है। उन्होने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री कोराना वैश्विक महामारी के चलते बीते 54-55 दिनों से लॉक डाउन के चलते सभी के कारोबार ठप्प हो गऐ जिन्हे आज संजीवनी के लिए आर्थिक पेकेज के रूप में नकद की जरूरत है। केन्द्रीय वित्तमंत्री ने कोविड से प्रभावितों को राहत के नाम पर 20 लाख करोड की राहत पैकेज देने की घोषणा भी केन्द्र सरकार का नया जुमला ही साबित होगा ।

बैरवा ने कहा कि कब तो प्रभावित लोग बैंकों में ऋण के लिए आवेदन करेगे और कब बैंक अधिकारी उन प्रभावित परिवारों को ऋण मुहैया करवायेगें । यह हर आदमी सोच एवं समझ सकता है। उन्होने कहा कि घरों में काम करने वालों को 10 हजार रू. वही किसानों को20 लाख करोड रूपयें नाबार्ड के जरिये ऋण के रूप में देगी।

बैरवा ने बताया कि 2.50 करोड किसान पशु पालकों को 2 लाख का ऋण किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। उन्होने कहा कि आज सभी प्रभावितों को तरल पूंजी की जरूरत हैं। ताकि मंझोले व्यापारी एवं दुकानदार राहत से अपना कारोबार शुरू कर सके । वही केन्द्रीय वित्तमंत्री ने कई घोषणाऐं तो बजट घोषणा को भी अपनी इस घोषणा में दर्शाकर लोगों को गुमराह करने में लगी है।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व केबिनेट मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मदद के नाम पर कल का आश्वासन भर हैं इसके अतिरिक्त हैं तो केवल छलावा ही है। देश की जनता केन्द्र की और आसभरी नजरों से देख रही थी कि सरकार उनकी पैकेज में सुध लेगी लेकिन वित्तमंत्री की गई घोषणा थोथी ही साबित हुई ।

घोषणा ने आमजन अपने आपको ठगा सा महसूस करने लगा है। उन्होने केन्द्र सरकार ने पूर्व मे कहा था कि कांग्रेस की नरेगा योजना अभिशाप हैं । आज नरेगा योजना में राज्य की गहलोत सरकार ने प्रतिदिन लाखों को कोराना के तहत ठाले हुए बेरोजगार हाथों को काम देकर लाभान्वित किया जाकर उन्हे आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है। उन्होने कहा कि गहलोत सरकार ने मंशा रही हैं कि राज्य का कोई आदमी भूखा नही सोये । जिसके जननायक गहलोत ने पुख्ता बंदोबस्त किये।

यही नही बाहर से अप्रवासी श्रमिकों को अपने गांव पहुंचाने के लिए सर्व प्रथम रेल चलाने की व्यवस्था कर उन्हे सरकार के पैसों पर उनके गन्तव्य स्थल पर भोजन, पानी एवं सेनेटाईजर आदि की व्यवस्था कर पहुंचाने का काम किया । केन्द्र सरकार की जैसे जुमलेबाजी नही की । उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने अतिरिक्त कर्जा ही देने की बात की और कर्जे के पात्रता में इजाफा ही मिलेगा।

ताकि कोई कर्जा प्राप्त नही कर सके। क्योंकि वो कर्जे की पात्रता पूरी ही नही कर सकेगे। बैरवा ने कहा कि केन्द्र सरकार ऐसे प्रभावित लोगों का ब्याज भी माफ कर देती तो उन्हे राहत तो मिल जाती । लेकिन केन्द्र सरकार ने दिखा दिया कि उसकी करनी एवं करनी में बडा फर्क हैं। तभी तो प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश बार्डर पर श्रमिकों की सुविधा के लिए उन्हे उनके गांव पहुंचाने को लेकर एक हजार बसों का इंतजाम किया ।

लेकिन श्रम विरोधी सरकार ने इसे मंजूर नही किया । कई जगह तो पैदल चलते श्रमिकों पर लाठियों से प्रहार कर उन्हे बेरहमी से पीटा गया । जो नही होना चाहिए था। देश का श्रमिक अब जान गया हैं यह सरकार पंजीपतियों की हैं ।

राष्ट्र के निर्माण मंें भागीदारी निभाने वाले पैदल और पंूजीपति फ्री सरकार की सुविधाओं पर हवाई जहाज में । देश का श्रमिक समय पर इसका जबाब देगा ।

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