मौसम परिवर्तन के साथ बढ़ने लगे चर्म रोग

Dr. CHETAN THATHERA
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Kota News।  हाड़ौती संभाग में मौसम परिवर्तन के साथ ही सर्दी में त्वचा पर असर होने से चर्म रोग के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। एमबीएस अस्पताल की ओपीडी में 250 से 300 चर्म रोग के मरीज प्रति दिन अस्पताल में पहुंच रहे हैं।

एमबीएस अस्पताल की ओपीडी में सेवाएं दे रहे फर्स्ट ईयर रेजिडेंस डॉक्टर दिव्यांशी गुप्ता ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ त्वचा शुष्क होने से वायरस त्वचा पर हमला करना शुरू कर देते हैं। जिससे एलर्जी की तरह कई गंभीर बीमारियां परेशान करने लगती है। सर्दी के मौसम में विशेषकर त्वचा शुष्क होना, एड़िया फटना, स्केबीज की परेशानी जिसमें खुजली होना, सोरायसिस की समस्या जिसमे हाथ पैर ठंडे होने से त्वचा के रंग में परिवर्तन आना जिसके कारण दर्द की शिकायत होना, शरीर में फुंसियों का निकलना त्वचा में जगह-जगह लाल दाग निकलना आदि ऐसी गंभीर बीमारियां है ।
जो सर्दी के मौसम में अधिकतर देखी जा रही है। इन रोगियों के पास बैठने में भी लोगों को घबराहट होती है, लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है। शरीर के अंगों की सफाई की सबसे अधिक जरूरत है। आपके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें अगर दूसरे लोग इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें भी यह रोग हो सकता है। त्वचा रोग खून की अशुद्धि से भी होता है।
देखभाल से खत्म होगा स्कैबीज कुटकी से होने वाली खुजली, त्वचा का स्कैबीज के अंडों और मल से होने वाले एलर्जिक प्रतिक्रिया की वजह से कारण दाने या मुहांसे होते हैं। स्कैबीज का इलाज किया जा सकता है। बिस्तर, कपड़े और आदान-प्रदान की जाने वाली दूसरी वस्तुओं को बहुत गर्म या उबलते पानी में धोएं। 60 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक गर्म पानी में कपड़ों को धोने के बाद ही स्कैबीज से निजात मिल पाएगी।
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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम