Kota News । रिश्वत प्रकरण में जेल में बंद तत्कालीन बारां जिला कलेक्टर आईएएस इन्द्र सिंह राव की गिरफ्तार के बाद उनके काले कारनामे खुलकर सामने आने लगे है। बारां जिले के छबड़ा तहसीलदार ने इंद्र सिंह राव पर पद का दुरुपयोग कर पेट्रोल पम्प के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी करने और सांठ गांठ कर पेट्रोल पम्प खुलवाने के मामले में सीएम को पत्र लिख उनके खिलाफ मामला दर्ज कर विभागीय कार्यवाही की मांग की है।
बारां जिले के छबड़ा तहसील के तहसीलदार दिलीप सिंह ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में बताया कि तत्कालीन जिला कलेक्टर इंद्र सिंह राव पर पद का दुरुपयोग करते हुए पेट्रोल पम्प के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप लगाए है। छबड़ा निवासी चेतन माहेश्वरी पुत्र हुकुमचंद माहेश्वरी ने खाते की जमीन में से 1225 वर्गफुट जमीन का तत्कालीन जिला कलेक्टर ने 23 जनवरी 2012 को रूपांतरण वाणिज्य प्रयोजनार्थ पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए करवाई थी। जिसमे 5 वर्ष के अंदर पेट्रोल पंप स्थापित किया जाने की शर्त थी। लेकिन उन्होंने पेट्रोल पंप स्थापित नही किया गया। यह रूपांतरण 21 मार्च 2017 तक वैध था। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने 5 अगस्त 2019 को 13 अगस्त 2019 से पेट्रोल पंप लगाने के आदेश दिए। जिसपर तत्कालीन उपखंड अधिकारी के आदेश पर तहसीलदार ने 18 सितंबर 2019 को भेजी गई रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि उन्हें प्रमाण पत्र जारी नही किया जा सकता। उपखंड अधिकारी ने 20 सितंबर को इसकी जानकारी जिला कलेक्टर को भिजवाई गई।
लेकिन जिला कलक्ट इंद्र सिंह राम ने 30 सितम्बर को अनापति पत्र जारी कर पेट्रोल पंप खुलवा दिया। जबकि भूमि का रूपांतरण आदेश 21 मार्च 2017 तक ही वैध था तथा स्टेट हाइवे पर 40 मीटर की दूरी छोड़ने के बाद पेट्रोल पंप के लिए 35 मीटर दूरी की आवश्यकता थी पर यहां 7 मीटर भूमि पर ही पेट्रोल पंप खोल दिया गया। तत्कालीन जिला कलेक्टर नेेे पद का दुरुपयोग करते हुए षड्यंत्र पूर्वक धोखाधड़ी, जालसाजी करते हुए आपसी सांठ गांठ कर स्टेट हाइवे 51 पर पेट्रोल पंप लगवा दिया। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में अलग-अलग मुकदमा दर्ज करवाकर विभागीय कार्य्रवाई करने की मांग की।
विदित है की तत्कालीनन कलेक्टर इंद्र सिंह राव पर उनके सहायक महावीर प्रसाद नगर के माध्यम से गोविंद सिंह की पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने के बदले 1 लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। महावीर नागर को यह राशि लेते हुए एसीबी रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उसने एसीबी को बताया था कि 1 लाख रुपये उसने कलेक्टर इंद्र सिंह राव को देने के लिए व 40 हजार रुपये स्वयं रखने के लिए लिए थे। इसी के आधार पर इस मामले में उनकी संलिप्तता पाए जाने पर एसीबी ने कलेक्टर राव को गिरफ्तार किया था वे अभी जेल में है। एसीबी की कार्यवाही के बाद तत्कालीन बारां जिला कलेक्टर के काले कारनामे खुल कर सामने आने लगे है