Jaipur news। अपने बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए तथा युवा वर्ग अपने बेहतर भविष्य के लिए आजकल निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के ज्यादा इच्छुक रहते हैं ऐसे विद्यार्थी और अभिभावक राजस्थान के 5 निजी विश्वविद्यालयों योजना अलवर बच्चों में हो रहे इन संचालित विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से पहले एक बार तहकीकात कर ले । विभाग का कहना है कि झुंझुनूं के 3 तथा अलवर व चूरु जिले के 1-1 विश्वविद्यालय के खिलाफ गंभीर शिकायतों एवं अनियमितताओं के प्रकरण की जांच विचाराधीन है अथवा न्यायालय में लम्बित है। ऐसे में इन विश्वविद्यालयों के प्रति जांच कर संतुष्टि हासिल करना छात्रों व उनके अभिभावकों की जिम्मेदारी है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग की संयुक्त सचिव शुचि शर्मा ने पब्लिक नोटिस जारी किया है।
पब्लिक नोटिस में चूरु के ओपीजेएस विश्वविद्यालय, अलवर के बगड़ राजपूत स्थित सनराइज विश्वविद्यालय तथा झुंझुनूं के चुडेला स्थित जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबरेवाल विवि, पथेरी बड़ी के सिंघानिया विवि एवं बिगोदना के श्रीधर विश्वविद्यालय के प्रति छात्रों व अभिभावकों को चेताया गया है। नोटिस में कहा गया है कि वर्ष 2008 से अब तक अलग-अलग अधिनियमों द्वारा स्थापित 51 निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने से पहले विद्यार्थियों व अभिभावकों को कुछ बातें जांचनी होगी। इनमें इन निजी विश्व विद्यालयों को कैम्पस से बाहर स्टडी सेंटर, ऑफ कैम्पस सेंटर, ऑफ शार सेंटर बिना राज्य सरकार एवं यूजीसी की अनुमति के खोलने का अधिकार नहीं है।
निजी विवि अपने अधिनियम की अनुसूची-2 तथा अधिनियम की धारा 04 में वर्णित पाठ्यक्रम संबंधित नियामक निकायों की अनुमति के बाद ही संचालित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश केवल मेरिट के आधार पर ही दिए जा सकते हैं, जबकि व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों में केवल प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से ही दिए जा सकते हैं। जिन व्यावसायिक तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए राज्य अथवा केन्द्र सरकार की एजेन्सियां प्रवेश परीक्षा आयोजित करती है, उनमें प्रवेश परीक्षा द्वारा सीटें आवंटित कराकर ही प्रवेश दिए जा सकते हैं।