जमानत अर्जी में कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है। प्रार्थी ने न तो रिश्वत की मांग की थी और ना ही एसीबी ने उससे कोई बरामदगी की है। इसके अलावा प्रार्थी ने भूमि अवाप्ति को लेकर संबंधित फर्म से कुछ जानकारियां मांगी थी। कंपनी की ओर से जानकारी नहीं देने पर अवाप्ति प्रक्रिया में देरी हुई। इसलिए उसे दोषी नहीं माना जा सकता। इसके अलावा उसकी 16 फरवरी को शादी भी है। ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए।
जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा की आरोपी ने दस लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। जिसे एसीबी ने सत्यापन के बाद गिरफ्तार किया है। यदि आरोपी को जमानत दी गई तो वह केस को प्रभावित कर सकती है। इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि केसीसी बिल्डकॉन कंपनी के इकबाल सिंह ने एसीबी में रिपोर्ट दी थी कि उसकी कंपनी दिल्ली से बडोदरा आठ लेन रोड निर्माण कर रही है। सुचारू रोड निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासन के सहयोग की जरूरत होती है, लेकिन निर्माण कार्य में रुकावट नहीं डालने की एवज में एसडीएम रिश्वत मांग रही है। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को दस लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गत 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था।