Jaipur News । प्रदेश के जयपुर, जोधपुर और कोटा के नगर निगम चुनाव से इस बार गहमागहमी, धूम-धड़ाका गायब है। कोरोना ने आमजन की दिनचर्या के साथ चुनाव के रंग-ढंग बदल दिए हैं। कोरोना के खौफ ने शहरी सरकार के चुनाव की पूरी तस्वीर ही बदल दी है। इस बार चुनाव सडक़ पर नहीं, बल्कि मोबाइल स्क्रीन पर लड़ा जा रहा है। मतदाता भी संक्रमण के खतरों को देखते हुए भीड़भाड़, वार्ड प्रत्याशियों से दूरी में ही भलाई समझ रहे हैं।
अपनी बात मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए प्रत्याशियों ने हथेली में समाने वाले छोटे से मोबाइल को ही इस बार चुनाव में ब्रह्मास्त्र बना लिया गया है। इसी के जरिए शब्द बाण छोड़े जा रहे हैं। भावी योजनाएं साझा की जा रही हैं। पार्षद क्यों बनना चाहते हैं, जीतकर क्या कुछ करेंगे, अब तक इलाके के लिए क्या किया जैसी बातें धीरे-धीरे मोबाइल के जरिए वार्ड के घर-घर भेजी जा रही हैं। संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है उसमें प्रत्याशी भी जान चुके हैं कि वोटर्स पर यदि पकड़ मजबूत बनानी है तो डिजिटल प्लेटफॉर्म से ही गुजरना होगा।
दिन में चुनाव प्रचार की शुरुआत हो या फिर देर रात तक रणनीति बनाने की कवायद, दोनों में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग महत्वपूर्ण है। प्रत्याशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए हैं। इसी के बूते वोटर्स से परिचय किया जा रहा है। व्हाट्सएप के संदेशों से वार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी मुहैया करवाई जा रही है। प्रत्याशी अपना विजन, जनसेवा से जुड़े कार्यों के वीडियो भी इसी पर शेयर हो हैं। कुछ प्रत्याशी तो जनसंपर्क कार्यक्रमों का लाइव भी कर रहे हैं।
कई प्रत्याशी ऐसे है जो कोरोना काल में उनके द्वारा की गई जनसेवा को वीडियो क्लीप के माध्यम से वोटरों को लुभाने में जुटे है। कोरोना के खौफ ने भले ही चुनावी प्रचार की तस्वीर बदल दी हो, लेकिन आगामी एक सप्ताह सभी के लिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव की तारीख नजदीक आएगी तो प्रत्याशियों का मूवमेंट बढऩे का अंदेशा है। ऐसे में जरूरी है कि प्रचार-प्रसार के दौरान दो गज की दूरी के नियम की पालना को गंभीरता से लिया जाए, ताकि शहरी सरकार का चुनाव रण लोगों की जिन्दगी पर भारी नहीं पड़े।