Jaipur News /मदन कलाल। 8 लाख परिवारों को था रीट का इंतजार। खत्म हुई बेकरारी, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या रीट कोर्ट में नहीं अटकेगी? level-1 से दरकिनार बीएड डिग्रीधारी क्या इसे मान लेंगे? क्या सरकार ने बेरोजगारों के बीच भिड़ंत का मैदान तो तैयार नहीं कर दिया? एनसीटीई की गाइडलाइन का पेंच तो नहीं फंसेगा? बीएसटीसी वालों को राहत दी तो अब कहीं बीएड वाले सड़क पर ना उतर आएं। यह तय है कि रीट की राह कांटों भरी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि तमाम अवरोधों के बीच शिक्षित बेरोजगारों की यह रीट बिना किसी विघ्न के शांति पूर्वक संपन्न हो जाए।
साभार – वरिष्ठ पत्रकार मदन कलाल के फेसबुक वल से