Jaipur News । राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बैंच, बीकानेर ने संतान की चाह में कराई गई जांच के दौरान चिकित्सीय लापरवाही के चलते विवाहिता की मौत के मामले में प्रताप प्रसूति गृह टोडा हाउस पर पन्द्रह लाख 21 हजार पांच सौ रुपये का हर्जाना लगाया है। आयोग ने हर्जाना राशि परिवाद दायर करने की तिथि से नौ फीसदी ब्याज सहित देने के आदेश दिए हैं। आयोग ने यह आदेश मुकेश कुमार नाहटा के परिवाद पर दिए।
परिवाद में कहा गया कि शादी के चार साल के संतान नहीं होने पर परिवादी और उसकी पत्नी ने प्रताप प्रसूति गृह में संपर्क किया था। अस्पताल प्रबंधन ने 14 जुलाई 2007 को परिवादी की पत्नी अनुपमा की लेप्रोस्कोपी की, लेकिन इससे पहले होने वाली जांचे नहीं की गई। जांच के दौरान सही जगह जांच निडल नहीं डालने के चलते अनुपमा के इंजरी हो गई और काफी खून बहने लगा। इसके चलते उसका ऑपरेशन भी कर दिया गया। परिवाद में कहा गया कि जांच निडल की स्प्रिंग को लापरवाहीपूर्वक पीछे खींचने से नुकीला सिरा आंत तक चला गया और नसें कट गई। जिसके चलते अनुपमा की मौत हो गई। आयोग ने सुनवाई करते हुए माना की अस्पताल में पर्याप्त संसाधन नहीं थे। वहीं गंभीर चिकित्सीय लापरवाही के चलते परिवादी की पत्नी की मौत हुई है।