Bhilwara News । शहर के नगर परिषद की आला अधिकारी रिमोट की तरह बनकर काम कर रही है और इसमें भूमिका निभा रहे हैं एक होटल व्यवसाई कम परिषद के दलाल के रूप में जो अपने निजी स्वार्थ के काम कराने के साथ ही नियम विरूद्ध काम कराने के लिए बाजार से दलाली के रूप में नगर परिषद के काम कराने के सौदे उठाए जा रहे है की परिषद का कोई भी काम हो मैं करा दूंगा और इतने….. ?
होटल व्यवसाई कम परिषद दलाल ने अपने निजी स्वार्थ के काम और नियम विरुद्ध काम कराने के लिए परिषद के ही एक फर्जी हस्ताक्षर और राइटिंग में माहिर बाबू का परिषद का सेक्शन (शाखा )बदली कराने के लिए के लिए आयुक्त पर दबाव बनाया और दबाव को और पुख्ता करने के लिए इस होटल व्यवसाई दलाल ने श्रीनाथजी की नगरी के एक बड़े नेता जी के सिपहसालार से राजधानी से घंटी घनघना दी की दलाल जी जो कह रहे हैं उस बाबू को बदल दो आयुक्त ने राजधानी से घंटी आने के बाद गुरुवार को फर्जी हस्ताक्षर और राइटिंग में माहिर बाबू मोशाय के दलाल द्वारा चाहे गए सेक्शन में लगाने के आदेश भी कर दिए बताते हैं ।
दलाल परिषद मे ही डेरा रहते है
सूत्रों के अनुसार होटल व्यवसाई कम दलाल अधिकांश नगर परिषद में ही डेरा डाले रहते हैं और वह भी मैडम के इर्द-गिर्द । हीटल व्यवसारी कम दलाल के साथ अपनी पुराना भाईचारा निभाते हुए परिषद के ही एक उच्च तकनीकी अधिकारी भी सहयोग की भूमिका निभा रहे हैं । अंदर खाने से परिषद में इन चर्चाओं का और कानाफूसी का दौर जारी है।
यह बाबू रहे थे पूर्व में हाशिय पर मामला पहुंचा था एसीबी तक
फर्जी हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग में मास्टर यह बाबूमोशाय ने पूर्व में तत्कालीन परिषद आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर तक फाइल में कर दिए थे और यह मामला जब सामने आया तो प्रकरण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो तक भी पहुंचा था जिसमें एक आरटीआई कार्यकर्ता ने भूमिका निभाते हुए मामले को रफा-दफा करवाया था उसके बाद तत्कालीन आयुक्त मीणा ने इस बाबूमोशाय को हाशिए पर डाल दिया था लेकिन अब होटल व्यवसाई कम दलाल जी इस बाबूमोशाय के जरिए अपने कुछ निजी स्वार्थ के और नियम विरुद्ध काम कराने के लिए उस मलाईदार सेक्शन में राजधानी से फोन घना घना कर आयुक्त पर दबाव डलवा नियुक्ति करवा दी है ।। अब एक बार फिर खेला जाएगा पहले की तरह खेल, कोई खाएगा मलाई कोई पिएगा दूध।
आयुक्त मझधार में राजधानी के आका का आदेश माने या भीलवाड़ा के नेता जी का
यह होटल व्यवसाई कम परिषद के दलाल जिस मलाईदार सेक्शन में अपने चहेते फर्जी हस्ताक्षर व राइटिंग में माहिर बाबूमोशाय को लगाने के लिए और उस सेक्शन में वर्तमान में कार्यरत सीधे साधे बरसो पुराने कार्मिक को हटाने की जो जुगत बैठाई है लेकिन भीलवाड़ा के एक कांग्रेसी वरिष्ठ नेता जो अब तक भी चुनाव हारे है सीधे-साधे बाबू को उसी सेक्शन में लगाने के लिए आयुक्त पर दबाव बना रहे हैं अब नगर परिषद आयुक्त की स्थिति मजेदार वाली है कि वह क्या करें राजधानी के आका का आदेश माने या भीलवाड़ा के नेता जी का