भीलवाड़ा की बेटी शिवानी ने -25 डिग्री सेल्सियस में 5 दिन बीता बर्फ का ट्रेक पार कर किया नाम रोशन

Dr. CHETAN THATHERA
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Bhilwara News। कडाके की ठंड मे जब पारा 0.9 डिग्री होने पर ही आमजन की हालत खराब हो जाती है ऐसे मे वस्त्र नगरी भीलवाड़ा की बेटी शिवानी भरावा(25) ने -25 डिग्री सेल्सियस पर जहां इंसान स्वंय बर्फ बन जाए ऐसे मे 5 दिन बिताए ही नही वरन चादर ट्रेक ( बर्फ की नदी) को पार कर भीलवाड़ा का नाम रोशन किया । ऐसा कारनामा करने वाली शिवानी राजस्थान की सबसे कम उम्र की लडकी है ।

भीलवाडा शहर के भीमगंज थाना क्षेत्र मे स्थित बडा मंदिर बहाला मे रहने वाली बिना पिता स्वर्गीय धनश्याम जी भरावा की पुत्री शिवानी भरावा(25) ने यह कारनामा कर दिखाया ।

शिवानी ने दैनिक रिपोर्टर्स डाॅट काॅम को बातचीत मे बताया की जम्मू-कश्मीर के लद्दाख मे स्थित जास्कर घाटी चादर ट्रेक है जहां का पारा इस समय -25 डिग्री सेल्सियस होता है कभी -कभी तो -35 से भी नीचे चला जाता है । इस 55 किलोमीटर लंबे इस चादर ट्रेक को अपने 10 सदस्यीय दल के साथ हाल ही मे 5 दिन मे पूरा किया और ट्रेक पर पहुंच भारत की आन-बान शान का प्रतीक तिरंगा झण्डा लहराया ।

शिवानी ने बताया की चादर ट्रेक लद्दाख के जास्कर घाटी मे ठंड के दौरान जाने वाली दुर्गम ट्रेक है जो को जम्मू-कश्मीर मे है और घाटी मे चट्टानो की ऊंचाई 600 मीटर है। शिवानी ने अपने रोमांच के बारे मे बातचीत मे बताया की चादर ट्रेक भारत में एक रोमांचक और साहसिक ट्रेक है।

स्थानीय भाषा में “चादर” का मतलब परत का संकेत करती है “बर्फ की परत कि नदी”। चादर ट्रेक मूल रूप से जमे हुए नदी पर एक प्रदर्शन है जिस नदी को “जांस्कर नदी कहा जाता है “गर्मियों के दौरान यह नदी उत्साही पर्यटक को निराश नहीं करती उस समय यह रिवर राफ्टिंग अभियान के लिए एक आदर्श स्थान के रूप में परिवृतित हो जाती है और सर्दियों के दौरान यह बदल जाती है एक बर्फ की चादर मे जहां प्रसिद्ध चादर ट्रेक किया जाता है । लद्दाख के कडाके की सर्दियों के महीनों में स्थानीय लोगों के लिए लेह और जांस्कर को जोड़ना के रूप में जमी हुए जांस्कर नदी आने जाने की एक ही रास्ता है और अभी भी परंपरागत रूप से कार्य करता है। स्थानीय लोगों द्वारा इसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है और उसके बाद से चादर – जमे हुए नदी कि यात्रा लोकप्रियता मे आ गया है। कई लोगो द्वारा ग्रह में मौजूदा सबसे अच्छा दुर्गम यात्रा में से एक है।

शिवानी ने बताया की कई सालों से चादर ट्रेक दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, यह सबसे रोमांचक और चुनौतीपूर्ण ट्रैको मे से एक है ।

चादर यात्रा करने के सबसे अच्छा समय जनवरी फरवरी,जब सर्दियों के दौरान तापमान कभी कभी -30 से -35 डिग्री तक नीचे चला जाता है जिसके कारण जांस्कर नदी एक कांच की तरह दिखने लगता है। यहाँ रात्रि विश्राम टेंट में किया जाता है। रात्री में तापमान -20 के आसपास होता है और ऑक्सीजन की कमी के कारण नींद भी नही आती है ।

एम ए बी ए तथा फैशन डिजाइनर और ओजस्वनि चित्तौड़ प्रान्त अध्य्क्ष शिवानी भरावा पहले भी कैलाश मानसरोवर,श्रीखंड कैलाश, मणि महेश, आदि कैलाश, किन्नौर कैलाश कर चुकी है और शिवानी राजस्थान की सबसे कम उम्र की पंच कैलाशी भी है । शिवानी अपनी सफलता का श्रेय माता और स्वर्गीय पिता को देती है ।

Photo Credits -Aditya Chachad

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम