Bharatpur News / राजेन्द्र शर्मा जती । प्रदेश के कुछ जिलों में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद भरतपुर में भी
पशुपालन विभाग की टीम ने पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय रोग निदान केन्द्र के उपनिदेशक डा. डी.पी. सिंह की मौजूदगी में विश्व प्रसिद्ध एतिहासिक केवलादेव उद्यान में पक्षियों की गतिविधि एवं उनके स्वास्थ्य मानकों की जानकारी ली गई।
जहां कोरोना संकट ने पिछले काफी समय से लोगों को परेशान कर रखा है। वहीं अब पक्षियों पर भी मौत का संकट मंडराना शुरू हो गया है। प्रदेश के कई जिलों में एक साथ कई कौओं की मौत के बाद जब उनका सैम्पल लिया गया तो
झालावाड जिले में बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग पूरे प्रदेश में सक्रिय हो चुका है और सभी जिलों में टीम का गठन कर पक्षियों के व्यवहार और उनके स्वास्थ्य का बारीकी से अध्ययन कर रहा है।
नेशनल एक्शन प्लान की गाइडलाइन के तहत सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है।
इसी कडी में आज भरतपुर में पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा. भागीरथ लाल मीणा, संयुक्त निदेशक डा. नागेश चैधरी, क्षेत्रीय रोग निदान केन्द्र के उपनिदेशक डा. डी.पी. सिंह, डा. मनोज सिंह एवं उनकी टीम एवं रेन्जर महेश शर्मा ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के विभिन्न हिस्सों में जाकर पक्षियों के स्वास्थ्य एवं गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया।
इस मौके पर पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय रोग निदान केन्द्र के उपनिदेशक डा. डी.पी. सिंह ने बताया कि फिलहाल भरतपुर जिले में बीमारी से किसी पक्षी की मौत का मामला सामने नहीं आया है।
पशुपालन विभाग की टीम के द्वारा बयाना के बंध बारैठा, नौनेरा सहित विभिन्न जगहों पर अभियान चला कर
पक्षियों के स्वास्थ्य का बारीकी से अध्ययन किया जायेगा।