Alwar news। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा से लगती राजस्थान की सीमा पर अलवर जिले के शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान अब पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेन्सियों की आंख में धूल झोंककर आगे बढऩे लगे हैं। एक दिन पहले गुरुवार को बैरियर तोडक़र जबरन हरियाणा सीमा में घुसने वाले किसानों ने शुक्रवार को ट्रेक्टरों से कच्चे रास्तों पर बावल की राह पकड़ ली। किसानों का कहना था कि उनके साथ आए किसान आगे निकल गए हैं। इस कारण वे भी बावल के पास पहुंचेंगे। वहीं पर पड़ाव डालकर आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। ये किसान अधिकतर हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर से आए हुए हैं।
शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर कुछ किसान बैरियर तोड़ कर हरियाणा सीमा में चले गए थे। बाद में पुलिस की सख्ती के कारण उन्हें बावल के समीप रोक दिया गया। इसके अगले दिन शुक्रवार को उनके साथी किसान भी कच्चे रास्तों से बावल के लिए निकल गए। इस कारण बॉर्डर पर कई जगहों से किसानों के तम्बू हट गए हैं। किसान दिल्ली कूच करना चाह रहे हैं। इस कारण वे धीरे-धीरे दिल्ली की ओर बढऩे लगे हैं।
किसान नेता रामपाल जाट अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें गुरुवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले तीन दिन तक रामपाल जाट अनशन पर रहे थे। उसके बाद उनकी तबीयत नरम पड़ गई। जिसके बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुक्रवार को भी जाट जयपुर अस्पताल में भर्ती रहे। 31 दिसम्बर की रात बॉर्डर पर किसानों के बीच कोई शोर शराबा नहीं रहा। यहां कुछ किसानों ने कहा कि वे हिन्दी संस्कृति का नववर्ष मनाते हैं। यह अंग्रेजी नववर्ष नहीं मनाते। इस कारण बॉर्डर पर किसानों के बीच नववर्ष को लेकर कोई बहुत बड़ा उत्साह नहीं दिखा। युवा पीढ़ी ने जरूर एक-दूसरे को हैप्पी न्यू इयर बोलकर उत्साह का प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन जारी है। आगे सिंघु सहित अन्य बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के अनुसार रणनीति बनती रहेंगी। किसान व सरकारों के बीच वार्ता होती रही हैं। अब भी किसानों की एक ही मांग है कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने चाहिए।