पीएम किसान सम्मान निधि योजना: भौतिक सत्यापन के लिए भटकते किसान, अब सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स की बारी

Azad Mohammed nab
5 Min Read

पीएम किसान सम्मान निधि योजना: भौतिक सत्यापन के लिए भटकते किसान, अब सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स की बारी(PM Kisan Samman Nidhi Yojana) (Farmers wandering for physical verification, now it is the turn of social security pensioner,Bank accounts,Kisan E Mitra Centers)

 

जहाजपुर (आज़ाद नेब) । पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana)का लाभ ले रहे किसानों को बग़ैर भौतिक सत्यापन(physical verification) के योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा यानी किसानों के बैंक खातों (Bank accounts) अगली किस्त जमा नहीं की जाएगी।

भौतिक सत्यापन करवाने के लिए किसान ई मित्र केंद्रों (Kisan E Mitra Centers) पर रोजाना चक्कर लगाते है, लेकिन साइट नहीं चलने की वज़ह से किसान सत्यापन करवाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। ओर विडम्बना तो यह है कि सत्यापन भी इसी माह के भीतर कराना है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स को भी दिसंबर माह के भीतर ही ई मित्र केंद्रों पर जाकर भौतिक सत्यापन करवाने होंगे अन्यथा अगले माह पेंशन नहीं मिलेगी। क्योंकि सामाजिक सुरक्षा पेंशन नियमों के प्रावधानों के अंतर्गत सभी पेंशन योजना के लाभार्थियों को प्रतिवर्ष दिसम्बर माह तक ई मित्र केन्द्र पर जाकर वार्षिक सत्यापन करवाया जाना आवश्यक होता हैं।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मुताबिक अगले 7 दिनों के अंदर वार्षिक सत्यापन नहीं करवाए जाने पर अगले माह से पेंशन का भुगतान नहीं हो पाएगा।

 

क्यों शुरू हुआ सत्यापन क्यों जरूरी हैं

पीएम किसान स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Scheme)में काफी गड़बड़ियां हो रही हैं. उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात और पंजाब सहित कई राज्यों में 33 लाख लोगों ने फर्जी तरीके से मोदी सरकार की इस योजना का लाभ लिया है. करीब 2326 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई है. इसमें से सबसे अधिक 377 करोड़ रुपये असम में निकाले गए थे. उत्तर प्रदेश में 1,78,398 किसानों ने गलत तरीके से लाभ लिया है.

ऐसे में इस योजना का पैसा असली किसानों (Farmers) में जाए इसके लिए लाभार्थियों की पात्रता का पता लगाने का फैसला हुआ है. इसके तहत 5 फीसदी किसानों का भौतिक सत्यापन शुरू हुआ है. किसी जिले का डीएम अगर जरूरी समझेगा तो जांच करवाने के लिए बाहरी एजेंसी को भी इस काम में शामिल करवा सकता है. बिहार सरकार (Government of Bihar) ने तो अपने यहां के फर्जी किसानों की सुविधा के लिए बाकायदा रिकवरी लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें हर ग्रामसभा के ऐसे किसानों के नाम और फोन नंबर दिए गए हैं जिन्होंने अवैध रूप से पीएम किसान स्कीम का लाभ लिया है.

कौन है किसान?(Who is the farmer?)

पीएम किसान स्कीम में हो रहे फर्जीवाड़ा को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि असली किसान परिवारों की पहचान करने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है. क्योंकि राजस्व राज्य का विषय है. पैसा देना केंद्र सरकार का काम है. लेकिन कौन किसान है और कौन नहीं, इसे राज्य ही तय कर पाएंगे. जमीन का रिकॉर्ड (Land Record) उन्हीं के पास है.

ऐसे वापस कर सकते हैं पैसा

गलत तरीके से लिया गया पैसा आप वापस करना चाहते हैं तो अपने कृषि समन्वयक, जिला कृषि अधिकारी से संपर्क करें. ऐसा नहीं करना चाहते तो (https://bharatkosh.gov.in/) पोर्टल की सहायता से वापस करें. फर्जी लाभार्थी अपने बैंक को भी यह पैसा वापस करने की अर्जी दे सकते हैं.

किसकों नहीं मिलेगा पैसा

-ऐसे किसान जो भूतपूर्व या वर्तमान में संवैधानिक पद धारक हैं, वर्तमान या पूर्व मंत्री हैं.

-मेयर या जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सांसद.

-ये लोग स्कीम से बाहर माने जाएंगे. भले ही वो किसानी भी करते हों.

-केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारी इससे बाहर रहेंगे.

-पिछले वित्तीय वर्ष में आयकर भुगतान करने वाले किसानों को फायदा नहीं मिलेगा.

-10 हजार रुपये से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ नहीं.

-पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील और आर्किटेक्ट योजना से बाहर होंगे.

 

 

Share This Article
Follow:
आज़ाद मोहम्मद नेब में दैनिक रिपोर्टर्स के आलावा एडिटर स्मार्ट हलचल, रिपोर्टर HNN news, tv100 ,लाइव टुडे, साधना प्लस, सरेराह, हुक्मनामा समाचार, जयपुर टाइम्स साथ काम करता हू .पत्रकारिता से आमजन की बात प्रशासन तक पंहुचाना मेरा मकसद है . whatsapp 8890400865, 8058220365