आतंकी सगंठन इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) नेपाल के रास्ते भारत में जमा रहा जड़े

Dr. CHETAN THATHERA
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प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली/ आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) पडौसी देश नेपाल मे नेपाल में शरण लेकर इंडो-नेपाल के सीमाई इलाकों के अलावा बिहार-बंगाल के कुछ इलाकों में वर्ष 2022 में दो सौ से अधिक स्लीपर सेल के सदस्यों के रूप में तैयार करने का टारगेट इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) ने रखा है। इस तरह की खुफिया जानकारी मिलने के बाद गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।

इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित कुछ संदेहास्पद लोगों की सूची भी एसएसबी के द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गई है। इस तरह की सूचना प्राप्त होने के बाद सीमाई इलाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। चप्पे-चप्पे पर एसएसबी जवानों के द्वारा निगरानी रखी जा रही है।

नेपाल में बैठे आईएसआई के एजेंट के द्वारा फंडिंग भेजी जाती है। सीमाई इलाके के बेरोजगार और नाबालिग को बहकावे में लेकर स्लीपर सेल के सदस्यों के तौर पर तैयार किया जा रहा है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि आईएसआई के एजेंट शुरुआती दिनों में युवाओं को अपने जाल में फांसने के लिए सभी तरह की सुविधा मुहैया करवाता है।

हाल के दिनों में जोगबनी इंट्री ग्रेटेड चेक पोस्ट के समीप पकड़ाई उज़्बेकिस्तान की युवतियों ने भी जांच एजेंसी को कई तरह की गुप्त जानकारी दी थी। स्लीपर सेल के सदस्य के रूप में काफी संख्या में अफगानी नागरिक भी सिमाई इलाकों में पिछले कई सालों से सक्रिया रहा है।

ग्रामीण इलाकों में जाकर रहने और वहां की गरीब लड़कियों से शादी कर काफी आसानी से आईडी भी तैयार करवा लेते हैं। कटिहार से फरार हुए आठ से अधिक अफगानी नागरिक तमाम कोशिशों के बावजूद भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया। जबकि खुफिया विभाग के अधिकारियों का दावा है कि कटिहार से फरार हुए अफगानी नागरिक इंडो-नेपाल के सिमाई इलाकों में ही अपनी जगह बना कर रखा है।

क्या होता है स्लीपर सेल?

भारत विरोधी शक्तियों के खिलाफ काम करने वाले लोग जो आम लोगों के बीच घुल मिलकर रहते हैं। लेकिन वह गाइड अपने आका के द्वारा होता है। समय-समय पर स्लीपर सेल के सदस्यों को गुप्त जानकारी के अलावा सामाजिक, समीकरण जनसंख्या, नाबालिग, युवकों की संख्या और जाती के अलावा गरीब लोगों की भी जानकारी मांगी जाती है। आम लोगों के बीच रहने की वजह से स्थानीय प्रशासन को भी ऐसे स्लीपर सेल के सदस्यों को पहचानना काफी चुनौती भरा काम होता है।

नकली नोट की खेप का नेपाल में है स्टॉक
आईएसआई एजेंट के सरगना काफी मात्रा में नकली भारतीय करेंसी भी नेपाल में स्टॉक कर रखा है। ऐसा कोई महीना नहीं होता है कि जब अररिया जिला की पुलिस और एसएसबी के जवान नकली करेंसी को नहीं जब्त करता है। सबका कनेक्शन नेपाल से ही मिलता है। बताया जाता है उत्तर भारत के क्षेत्रों में नकली नोट भेजने के लिए सीमांचल के इलाकों का ही उपयोग करता है।

चीन की दखअंदाज़ी से हरकत में सुरक्षा एजेंसी
हाल के कुछ वर्षों ने नेपाल में चीन की दखअंदाज़ी काफी बढ़ा है। बताया जाता है कि चीन के ऐसे लोग जो इन दिनों नेपाल अड्डा जमाए हुए वह भारत विरोधी काम करने वाले संगठन को बढ़ावा दे रहे हैं। इस वजह से हरकत वक्त भारतीय सुरक्षा एजेंसी हरकत में रहती है। किसी भी तरह की गुप्त सूचना मिलने पर तुरंत इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जाती है और उसका फॉलोअप भी किया जाता है। चीन के द्वारा लगातार खासकर भारतीय इलाके से सटे क्षेत्रों कई तरह के काम नेपाल की जनता और सरकार को विश्वास में लेकर की जा रही है। इस बात का विरोध नेपाल की जनता और भारतीय भी कर चुके हैं।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम