Bihar Panchayat elections : बिहार में पंचायत चुनाव में बेहद चौंकाने वाले नतीजे देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला खगड़िया जिले से सामने आया है। यहां आरजेडी के पूर्व विधायक को मुखिया पद के चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। साल 2015 में अलौली से पूर्व विधायक रहे आरजेडी के चंदन राम को मुखिया पद पर जीत हासिल नहीं हुई।पूर्व विधायक चंदन राम ना केवल चुनाव हार गए बल्कि वह बुरी तरीके से पांचवें नंबर पर रहे।
चंदन राम एक शिक्षक थे और फिर राजद ने जब वर्ष 2015 में खगड़िया के अलौली विधानसभा से जब उनको विधानसभा चुनाव का टिकट दिया उसके बाद वो शिक्षक पद से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़े थे ।इस चुनाव में उन्होने लोजपा के प्रत्याशी और फिलहाल केंद्र में मंत्री पशुपति कुमार पारस को चुनाव में हरा दिया था और काफी सुर्खियां बटोरी।
पिछले साल यानी वर्ष 2020 में राजद ने अलौली विधानसभा से चंदन का टिकट काट दिया और रामवृक्ष सदा को टिकट दिया था और वह चुनाव जीत गए।
विधायक का पद जाने के बाद चंदन कुमार उर्फ चंदन राम तेतराबाद पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ने उतरे लेकिन उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। एक पूर्व विधायक को तेतराबाद पंचायत की जनता ने नकार दिया।
इस सीट पर नंदकेश कुमार उर्फ मुन्ना प्रताप ने जीत हासिल की। मुन्ना प्रताप को 1737 वोट मिले जबकि केवल 567 वोट लेकर चंदन राम पांचवें नंबर पर रहे।