सेना ने एलओसी पर मार गिराया पाकिस्तानी ​कॉडकॉप्टर

Dr. CHETAN THATHERA
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नई दिल्ली । ​भारतीय सेना ने ​शनिवार सुबह एलओसी पर ​​पाकिस्‍तानी सेना के स्‍पेशल सर्विस ग्रुप का ​​​​कॉडकॉप्टर​​ ​मार गिराया, ​जो केरन सेक्टर में ​भारतीय सीमा की तरफ गिरा​​।​ यह एक घंटे से सीमा के आसपास मंडरा रहा था लेकिन​ ​सीमा पार से कॉडकॉप्‍टर्स के इस्‍तेमाल को लेकर एलओसी पर ​पहले से ही​​ ​अलर्ट ​भारतीय सेना ​ने उसे निशाना बना लिया।​ ​इससे पहले भी पाकिस्तान की तरफ से हथियार लेकर आये कई ड्रोंस को सेना ने मार गिराकर हथियारों की बरामदगी की है​​​।


​इसी तरह आज सुबह भी जम्‍मू और कश्‍मीर में ​नियंत्रण रेखा के पास ​​कॉडकॉप्टर​ आते देख एलओसी पर तैनात भारतीय सेना के जवानों ने देखा​।​​ ​तत्काल उसे मार गिराया जो ​​​​एलओसी पर ​​70 मीटर भारत की तरफ केरन सेक्टर में गिरा।​​ ​यह कॉडकॉप्टर ​​पाकिस्‍तानी सेना के स्‍पेशल सर्विस ग्रुप का ​बताया जा रहा ​है​​। ​इससे पहले भी ​​ड्रोन ​के जरिये सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद ​की आपूर्ति किये जाने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं​​​।​ कई ड्रोन को मारकर हथियारों की बरामदगी भी की गई है​।​ ​सीमा पार से​ ​आतंकवादियों के हैंडलर्स ​को हथियार या अन्य सामान​ भेजने के लिए ​ड्रोन का इस्तेमाल करना नया तरीका है। ​इससे पहले ​पाकिस्‍तान ​सीमा पार ​से ​​आतंकियों को हथियार पहुंचाने के लिए​ ​अनमैन्‍ड एरियल वीकल्‍स का इस्‍तेमाल ​करता रहा है। ​​


पहले भी ड्रोन से गिराए जा चुके हैं हथियार 

पिछले महीने ​​​19 ​सितम्बर को राजौरी जिले ​में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके पास जो हथियार मिले थे, वे भी ड्रोन के जरिए भेजे गए थे।​​ 22 सितम्बर को जम्मू जिले के अखनूर सीमा क्षेत्र पुलिस और सेना ने 2 एके-47 असॉल्ट राइफल, 3 एके मैगजीन, 90 राउंड की एके-47 राइफल और 1 स्टार पिस्टल बरामद किए थे। ये हथियार और गोला-बारूद ​भी ​आतंकवादियों ​को सीमा पार से ड्रोन ​के जरिये भेजे गए थे।​ ​इससे पहले भी कई बार पाकिस्‍तानी ड्रोन्‍स भारतीय इलाके में देखे गए हैं। जून में ​भी ​बीएसएफ ने कठुआ में अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के पास आधुनिक राइफल और सात ग्रेनेड्स ​लेकर आये ड्रोन को मार गिराया ​था​​। 

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क्या है ​क्वाड्रोटर या क्वाडकॉप्टर​​ ​​

क्वाडकॉप्टर या क्वाडरोटोर एक प्रकार का हेलीकॉप्टर है जिसमें चार रोटर्स होते हैं। ​​क्वाडकॉप्टर में आम तौर पर दो रोटर्स क्लॉकवाइज और दो काउंटर​ ​क्लॉकवाइज़ होते हैं।​ ​​​​क्वाड्रोटर या ​​​​क्वाडकॉप्टर मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) के परिवार के अंतर्गत आता है​​।​ इसमें दो घुमाव वाले रोटार और प्रोपेलर होते हैं, जो एक चौकोर फ्रेम के शीर्ष पर स्थित होते हैं। यह विशिष्ट हेलीकॉप्टरों के समान ऊर्ध्वाधर टेक-ऑफ और लैंडिंग करने में सक्षम है।​ पारंपरिक हेलीकाप्टरों के विपरीत ​​क्वाडकॉप्टर​ में आमतौर पर चक्रीय पिच नियंत्रण नहीं होता है, जिसमें ब्लेड के कोण गतिशील रूप से बदलते हैं क्योंकि वे रोटर हब के चारों ओर घूमते हैं हालांकि हेलीकॉप्टर और​ ​क्वाडकॉप्टर के बीच नियंत्रण प्रणाली क्रमशः उड़ान की गतिशीलता के कारण एक​-दूसरे ​से भिन्न होती है।​ 


जवानों को दी जा रही है ​ड्रोन हमले नाकाम करने की ट्रेनिंग 

एलओसी और अंदरूनी इलाकों में तैनात जवानों को ​​ड्रोन हमले नाकाम करने की ट्रेनिंग मिल रही है। एक ट्रेनिंग मॉड्यूल उनके लिए जो पाकिस्तान से सटी एलओसी के पास तैनात होते हैं। इन जवानों को 14 दिनों के लिए ट्रेनिंग मिलती है। दूसरी ट्रेनिंग में अलग-अलग जगहों पर आतंकवाद का सामना करने के लिए तैनात जवानों के लिए होती है जो 28 दिन तक चलती है।​​ पिछले वर्षों में ड्रोन का उपयोग काफी बढ़ गया है। ड्रोन का उपयोग करके उन ऑपरेशनों को ​भी अंजाम देना संभव है जो मनुष्यों के लिए हानिकारक हो सकते हैं या ​जिनमें ज्यादा लागत आती है।​ इनका इस्तेमाल दूरदराज के क्षेत्रों में या बहुत अधिक ऊंचाई​ वाले कुछ क्षेत्रों​ में किया जा सकता है।​​​

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम