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कृषि बिल– किसानो से 11 वें दौर की वार्ता विफल, अब सरकार का रूख क्या…

CHETAN THATHERA by CHETAN THATHERA
January 22, 2021
Reading Time: 1min read
कृषि बिल– किसानो से 11 वें दौर की वार्ता विफल, अब सरकार का रूख क्या…
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नई दिल्ली/  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने नए कृषि कानूनों के बारे में सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता टूटने का दोष किसान नेताओं पर मढ़ा है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बातचीत के दौरान किसानों का हित ध्यान में नहीं रखा। किसान संगठन कृषि कानूनों की वापसी पर अड़े रहे। जबकि, सरकार ने समाधान के लिए उनके सामने कई विकल्प रखे थे।
सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को 11वें दौर की वार्ता के बाद तोमर ने संवाददाताओं को संबोधित किया तथा उनकी ओर से एक आधिकारिक बयान आया, जिसमें वार्ता प्रक्रिया टूटने पर दुख व्यक्त किया गया। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान संगठनों के समक्ष जो प्रस्ताव रखा है, उस पर यदि वह सहमत हों तो सरकार को सूचित करें। सरकार कल ही समझौते की ओर आगे बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि वार्ता का यह दौर पूरा हुआ। किसान संगठन यदि किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो वह कल अपनी राय सरकार को बताएं, किसान संगठनों का फैसला मिलते ही हम कहीं भी बैठक के लिए एकत्र हो सकते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने नए कृषि कानूनों पर एक से डेढ़ वर्ष तक अमल रोकने तथा एक समिति गठित कर आंदोलन में उठाए गए मुद्दों पर विचार करने का प्रस्ताव किया था। इस प्रस्ताव को किसान संगठन द्वारा खारिज किए जाने के संबंध में उन्होंने किसान संगठनों से कहा कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने कानूनों पर अमल रोकने का जो प्रस्ताव रखा था, उसका यह अर्थ नहीं था कि इनमें कोई खराबी थी। आंदोलन और आंदोलनकारी किसानों का सम्मान रखने के लिए उनके प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए यह प्रस्ताव रखे गए थे। उन्होंने कहा कि कानूनों पर अमल रोकने की पेशकश किसान आंदोलन को समाप्त करने की दृष्टि से सबसे अच्छा प्रस्ताव था। उन्होंने कहा कि देश के किसानों के व्यापक हित में किसान संगठनों के सम्मान में और किसान आंदोलन के मान में सरकार ने निरंतर बातचीत जारी रखी तथा उसकी ओर से कई प्रस्ताव रखे गए। सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए यह प्रस्ताव रखे थे।
कृषि मंत्री ने किसान नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि वार्ता में किसानों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया। इसीलिए कोई फैसला नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार की कोशिश थी कि वो सही रास्ते पर विचार करें जिसके लिए 11 दौर की वार्ता की गई। परन्तु किसान यूनियन क़ानून वापसी पर अड़ी रही। सरकार ने एक के बाद एक प्रस्ताव दिए। परन्तु जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो निर्णय नहीं होता। वार्ता के दौर में मर्यादाओं का तो पालन हुआ परन्तु किसानों के हक़ में वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो, इस भाव का सदा अभाव था इसलिए वार्ता निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। इसका मुझे भी खेद है।”
तोमर ने किसान आंदोलन और किसान नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि जब आंदोलन की पवित्रता नष्ट हो जाती है तो फैसला नहीं होता। नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भ्रम पैदा करने की कोशिशों का उल्लेख करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, “इस आंदोलन के दौरान लगातार ये कोशिश हुई कि जनता के बीच और किसानों के बीच गलतफहमियां फैलें। इसका फायदा उठाकर कुछ लोग जो हर अच्छे काम का विरोध करने के आदि हो चुके हैं, वे किसानों के कंधे का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर सकें। ”
उन्होंने वार्ता प्रक्रिया जारी रहने के दौरान ही किसान संगठनों द्वारा आंदोलन के नए कार्यक्रमों और चरणों की घोषणा पर भी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा, “इस पूरे दौर में आंदोलनकर्ता किसान संगठनों द्वारा वार्ता के मुख्य सिद्धान्त का पालन नहीं किया गया क्योंकि हर बार उनके द्वारा नए चरण का आन्दोलन घोषित होता रहा जबकि वार्ता के दौरान नए आंदोलन की घोषणा सौहार्द्रपूर्ण चर्चा को प्रभावित करती है। इस बात का उल्लेख भी सरकार द्वारा आज की बैठक में किया गया।”
तोमर ने किसान आंदोलन के शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए किसान संगठनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही आशा व्यक्त की कि आगे भी शांति बनाई रखी जाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए वार्ता समाप्ति की घोषणा की।
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CHETAN THATHERA

CHETAN THATHERA

चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम

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