जहाजपुर(आज़ाद नेब) बिना रूपान्तरण के कॉलोनी काटने से नगर के मास्टर प्लान का न सिर्फ उल्ल्धंन होता है बल्कि स्थानीय निकाय को भूमि के रूपान्तरण शुल्क की राजस्व हानि भी होती है। इसके साथ साथ नागरिकों को मास्टर प्लान के अनुरूप कॉलोनी नहीं कटने से नगर निकाय द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं भी नहीं मिल पाती है। कृषि भूमि के वाणिज्यिक उपयोग के लिए परिवर्तन शुल्क का भुगतान किए बिना अवैध आवासीय भूखंड बनाकर बेचने वालोें के खिलाफ प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए
नगर के आस-पास आवास की मांग बढऩे से नगर के बाहरी क्षेत्र कृषि भूमि में सभी नियमों को ताक पर रखते हुए अवैध लेआउट का निर्माण किया जा रहा है। पालिका बिना किसी अनुमति या भूमि परिवर्तन के मकानों का निर्माण किया जा रहा है। पालिका सर्वे के दौरान बताई गई अवैध कॉलोनियों में 80 फीसदी से अधिक मकान कृषि भूमि पर ही हैं।
कृषि क्षेत्र में डवलप हो चुकी कॉलोनियों के भूखंडों से वहां के सड़कों की साइज 30 से 40 फीट की भी नहीं है, राज्य सरकार के निर्धारित टाउनशिप पॉलिसी के अनुसार सुविधा क्षेत्र सुरक्षित हो तथा नई विकसित होने वाली कॉलोनी में भू-रूपांतरण के बाद ही पंजीयन की कार्यवाही की जाए। बावजूद इसके धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियों का पंजीयन जारी है।
राज्य सरकार ने पूर्व में अधिशाषी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बिना स्वीकृत कॉलोनी चिह्नित कर प्लान अनुमोदन कराएं। यह भी सुनिश्चित करें कि भविष्य में बिना स्वीकृति एवं अनुमोदन के कोई कॉलोनी नहीं काटी जाए।