लाखों रुपए की लागत से नवनिर्मित आंगनबाड़ी केन्द्र भवन उच्चाधिकारियों की अनदेखी से बना खस्ताहाल, किराये के मकान में संचालित है भवन

liyaquat Ali
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  • बच्चों की किलकारियों के लिए तरस रहा है आंगनबाड़ी केन्द्र,
  • असामाजिक तत्वों व शराबियों का अड्डा बन रहा है आंगनबाड़ी केन्द्र

Aligarh news / शिवराज मीना। उनियारा उपखण्ड क्षेत्र के पलाई कस्बे में महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही एवं अनदेखी के चलते हुकमपुरा रोड़ पर लाखों रुपये की लागत से निर्मित आंगनबाड़ी केन्द्र द्वितीय खस्ताहाल बना हुआ है। इन दिनों उक्त आंगनबाड़ी केन्द्र असामाजिक तत्वों एवं शराबियों का अड्डा बना हुआ है। जहां शाम के समय शराबियों की महफिलें सजती नजर आती है। जिसके चलते राहगीरों, महिलाओं, युवतियों सहित अन्य लोगों को हमेशा अनहोनी होने का भय बना रहता है। पूर्व में आंगनबाड़ी केन्द्र के एक-दो बार असामाजिक तत्वों द्वारा ताले भी तोड़ लिये गये है। लाखों रूपयों की लागत से निर्मित यह भवन वर्तमान में बच्चों की किलकारियों का इंतजार कर रहा है। यह आंगनबाड़ी केन्द्र ग्राम पंचायत प्रशासन व उच्च तबके के अधिकारियों की अनदेखी के चलते किलकारियों की जगह पर कुछ ओर ही प्रदान कर रहा है। फिर भी उच्च ओहद्दे पर बैठे अधिकारी इस ओर अपना ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ पा रहे हैं।

किराये के मकान में संचालित है आंगनबाड़ी केन्द्र

पलाई कस्बे में नवनिर्मित आंगनबाड़ी केन्द्र द्वितीय का भवन होने के बावजूद भी उच्चाधिकारियों की अनदेखी से किराये के मकान में संचालित किया जा रहा है। पहले यह आंगनबाड़ी केन्द्र इसी भवन में संचालित था। लेकिन आज किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है। जिसके चलते हुये आज लाखों रूपये की लागत से निर्मित भवन धूल चाट रहा है तथा बच्चों की किलकारियों के लिए तरस रहा है। विभाग द्वारा ध्यान नहीं देने से नवनिर्मित आंगनबाड़ी केन्द्र द्वितीय बच्चों की जगह असामाजिक तत्वों व शराबियों का अड्डा बना हुआ है। इसके बावजूद भी उच्चाधिकारी उक्त भवन की दशा पर तरस नहीं खा रहे है।

—- विभाग को उठाना पड़ रहा है नुकसान, नवनिर्मित भवन के बावजूद भी किराये के मकान में संचालित है भवन —-

आंगनबाडी केन्द्र का अपना भवन होने के बाद भी केन्द्र को किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन इस भवन को देखते हुए ऐसा लगता है कि विभाग को नुकसान की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। जिससे आज यह लाखों रुपए की लागत से निर्मित किया गया भवन बच्चों की किलकारियों का मोहताज बना हुआ है तथा असामाजिक तत्व व शराबी शाम ढलते ही इसमें मौज मस्ती करते नजर आते हैं।

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