जहाजपुर(आज़ाद नेब) खजूरी ग्राम में श्री नन्द गौपाल गौशाला के सहयोग हेतु 9 दिवसीय गौ राम कथा के तीसरे दिन साध्वी प्रतिमा दीदी ने राम जन्म का प्रसंग बताया।
भगवान राम के जन्म की सुंदर झांकी सजाई गई। जैसे ही प्रभु श्रीराम ने जन्म लिया ‘भये प्रकट कृपाल दिन दयाला’ के स्वर गूंज उठे। इसके साथ ही दशरथ नंदन, कौशल्या नंदन रामलला के जयकारों के साथ पांडाल झूम उठा।
गौ कथा में स्वामी मनुष्य मित्र ने कहा कि जहां गौ माता, वहां गोपाल का वास होता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भगवान से लेकर जीव-जंतु किसी के भी मल की पूजा नहीं होती पर गाय के मल (गोबर) की पूजा होती है। इस मल को गणेश का नाम दिया गया है।
उन्होंने कहा किसी भी देश के नाम के साथ माता नहीं जोड़ा जाता, सिर्फ भारत को छोड़कर। यहां गाय की पूजा होती है और गौ हत्या का कलंक भी भारत को लगा है। उन्होंने नौजवानों से आह्वान करते हुए कहा कि गाय नहीं बचाई तो क्या बचाया? गाय का महत्व संस्कृति में समाहित है