जहाजपुर(आज़ाद नेब) अब तो ऐसा लगने लगा है की न्यायालय, प्रशासन से लम्बे होते जा रहे है बजरी माफिया हाथ। न्यायालय की रोक प्रशासन की सख़्ती के बावजूद अवैध बजरी खनन व परिवहन रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
बजरी माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए रवन्ने का खेल खेल जा रहा है। बनास नदी की बजरी का अवैध खनन एवं परिवहन कर ले जाते हैं पर रवन्ना दूसरी जगह का होता हैं। जिनकी कोई तहकीकात नहीं करता आराम से पुलिस थानों के सामने से अवैध बजरी से भरी गाडिय़ां गुजर जाती है।
हम लोगों ने इस मामले की पड़ताल की तो चोंकाने वाले तथ्य सामने आऐ बजरी माफिया प्रशासन से दो कदम आगें दिखाई दिये। बनास से बजरी भरकर जिन कांटों पर तुलवाई जाती हैं वहां पर सॉफ्टवेयर के माध्यम से जिस जगह का रवन्ना होता हैं उसी जगह का धर्मकांटा दिखाया जाता हैं।
प्रशासन के नुमाइंदे ज्यादा से ज्यादा रवन्ने चेक कर सकते, चेक करने पर सहीं पाया जाता है। ओर बेधड़क माफिया अवैध बजरी को वैध कर ले जाते हैं। प्रशासन मूकदर्शक बन देखता रह जाता हैं।
साथ ही साथ रवन्ने के इस खेल में पर सवालिया निशान भी खड़े होते है। इतना सब कुछ खुलेआम धड़ल्ले से बेखौफ चल रहा है क्या प्रशासन के नुमाइंदों को खुले खेल के बारे में कोई जानकारी नहीं? नहीं तो क्यों नहीं। ओर हैं तो क्या लिया एक्शन।