पांच पिस्टल व दो देशी कट्टे सहित पांच जिंदा कारतूस बरामद
पुलिस ने एक अंतरराज्यीय लूट गिरोह का खुलासा
पैरोल से फरार कुख्यात अपराधी भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
जयपुर। (फ़िरोज़ उस्मानी) पुलिस ने एक अंतरराज्यीय लूट गिरोह का खुलासा करने में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस गिरोह के कालाडेरा निवासी गिरफ्तार आरोपी छीतरमल काटवा(30) निवासी काटवा की ढाणी, फुलेरा जिला जयपुर,कालाडेरा निवासी मुकेश जाट (28) हाल किराएदार कनकपुरा फाटक करधनी , मोहन सिंह उर्फ मोनू (30) , पवन उर्फ पोना (30) निवासी नरवाना हरियाणा, मनोहर उर्फ विक्की मेहरा (35) निवासी करणी विहार, जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू कुमावत (42)निवासी गिरधारीपुरा करणी विहार और हरलाल जाट (30) निवासी ढोढसर, गोविंदगढ़ जयपुर ग्रामीण सात आरोपी है।
वहीं छीतरमल काटवा हत्या के केस में चालानशुदा आरोपी है। लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बदमाश थाना इलाके में स्थित एक एटीएम को उखाड़कर लूटने की फिराक में थे। पुलिस ने इनके पास से पांच पिस्टल, दो देशी कट्टे समेत पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए है। पूछताछ में कई वारदातें खुलने की संभावनाएं है।
जानकारी की अनुसार डीसीपी (पश्चिम) अशोक गुप्ता ने बताया कि पुलिस टीम ने इन लोगों को थाना इलाके में स्थित शांतिबाग मैरिज गार्डन के पास से गिरफ्तार किया है।
एटीएम को उखाड़कर लूटने की थी योजना
ये बदमाश कनकपुरा फाटक के पास एटीएम को तोड़कर लूटने की फिराक में थे। इसके लिए एटीएम को एक लोहे की चेन से बांधकर पिकअप से खींचने की योजना बनाई थी।
चोरी की लिए चौपहिया पिकअप या कैंपर का इंतजाम नही होने से वारदात को अंजाम नहीं दे सके। इन सभी बदमाशों की दोस्ती जेल में बंद रहने के दौरान हुई थी। आरोपी पवन लूट व वाहन चोरी का आदतन बदमाश है। पवन उर्फ पोना मोहन सिंह का सगा भाई बताया जा रहा है।
हथियारों का इस्तेमाल करते थे
इनके पास मिले अवैध हथियार का उपयोग आम नागरिकों को डराने व भय व्याप्त करने के लिए करते है।
दो बदमाश हत्या के मामले में जेल जा चुके है
बदमाशों के खिलाफ थानों में कई आपराधिक मामला दर्ज है। आरोपी छीतरमल वर्ष 2009 में फुलेरा में अपने गांव के रहने वाले रामनिवास बरड़वाल के हत्या केस में जेल जा चुका है। वह चार साल जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आया। इसके अलावा आरोपी मोहन सिंह उर्फ मोनू ने वर्ष 2009में अपने साथी ड्राइवर सुरेश की हत्या के केस में दूदू थाना जयपुर ग्रामीण में गिरफ्तार हो चुका है।
पैरोल पर आया था बाहर
वह जयपुर सेंट्रल जेल में
उम्रकैद की सजा काट रहा था। वह 17 जुलाई 2018 को जेल से पैरोल पर बाहर आया। इसके बाद वापस नहीं लौटा। तब से पुलिस को मोहन सिंह की तलाश थी। वहीं, मोहन सिंह के भाई पवन उर्फ पोना पिछले पांच साल से अपराध की दुनिया में है। वह मुरलीपुरा में ट्रक लूट के केस में गिरफ्तार हो चुका है।
इसके अलावा वाहन चोरी तथा हरियाणा में आगजनी व आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार हो चुका है। इसी तरह आरोपी मुकेश जाट पर वर्ष 2012 में शंकर कुमावत नाम के व्यक्ति की हत्या कर गाड़ी लूटने का मुकदमा कालाडेरा में दर्ज हुआ था। वह चार साल जेल में रहा है। मुरलीपुरा में डकैती की योजना बताते हुए भी गिरफ्तार हो चुका है।
आरोपी जितेंद्र कुमावत के खिलाफ वर्ष 2012 में नरेना व दूदू थाने में मारपीट के मुकदमे दर्ज है। वहीं,मनोहर के खिलाफ वर्ष 2010 में मारपीट का एक मुकदमा वैशाली नगर थाने में दर्ज हुआ है।
इनकी रही विशेष भूमिका
इन्होंने पकडा बादमशो को
अवैध हथियारों समेत सात बदमाशों को पकड़ने में थानाप्रभारी मानवेंद्र सिंह चौहान , एसआई वासुदेव, एएसआई मोहम्मद रफीक, कांस्टेबल अमित सिंह, अजेंद्र सिंह, बलराम मालीराम व नरेंद्र कुमार की विशेष भूमिका रही ।