Aligarh News : (शिवराज मीना)। पंचायत राज अधिनियम (Panchayat Raj Act) के तहत समस्त पंचायत समिति क्षैत्र की पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रक्रिया के तहत क्षैत्र की कई ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों की इच्छा के विपरीत दूर की ग्राम पंचायतों में गांवों को नवसृजित कर जोड़ने पर पंचायत समिति क्षैत्र के बरूंंधन, बूंदी, फिरोजपुरा, सहादतनगर, हनोतिया, ठिकरिया, देवपुरा खुर्द, याकूबपुरा, बालापुरा, भानपुरा, हुकमपुरा, गोडो की झौपडियां सहित दर्जनों गांवों के ग्रामीणों में गहरा रोष बना हुआ है।
हालांकि राज्य सरकार(Rajya Sarkar) ने जिला कलेक्टर (District Collector)को 31 अक्टूबर तक 1 महीने के अन्दर आमजन को नवसृजित गांवों के गलत चयन की आपत्ति दर्ज करवाने का समय तो दिया है, लेकिन क्षैत्र ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत मुख्यालय से उनके गांव का उनकी इच्छा के विपरीत जोड़ने का प्रस्ताव का गलत निर्णय हुआ हैं, जिन्हें अगर आमजन की इच्छा के अनुरूप बदलकर सही नहीं किया गया तो ग्रामीण आन्दोलन की रुख अपनाएंगे।
इसी को लेकर क्षेत्र के ग्राम पंचायत खोहल्या (Gram panchayat kholya) के बंरुधन गांव को नवसृजित ग्राम पंचायत उखलाना में पुनर्गठन कर जोड़ने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया गया है, जो कि न्यायोचित नहीं है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने गहरी नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया है।
पंचायत समिति क्षैत्र के पूर्व सरपंच संघ के ब्लॉक अध्यक्ष एवं वर्तमान में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक उपाध्यक्ष मुनीम मीणा, पूर्व सरपंच रामबिलास गुर्जर, भंवरलाल गुर्जर, हरिराम गुर्जर ,गोरीलाल गुर्जर ,रामलाल गुर्जर, कलामुद्दीन, रामभजन गुर्जर, कैलाश गुर्जर, रामा बैरवा, किशनगोपाल बैरवा सहित दर्जनों ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत समिति अलीगढ़ की नवसृजित ग्राम पंचायत उखलाना से बरूधन गांव की दूरी लगभग 12 किलोमीटर से ज्यादा है।
जिससे उखलाना में जोडने से उनका कोई वास्ता नहीं है। इस ग्राम पंचायत में जाने के लिए ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनके गांव का नाम इस ग्राम पंचायत में जोड़ा जाना नियमों के विरुद्ध हैं। मंगलवार को ज्यो ही सूची में नाम देखते ही ग्रामीण अचानक भड़क गए।
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव का नाम नवसृजित उखलाना ग्राम पंचायत में जोड़ने पर विरोध जताते हैं एवं पूरे ग्रामीण मिलकर जिला कलेक्टर को आपत्ति सौंपेंगे। यदि नवसृजित गांवों का परिसीमन समाधान नहीं हुआ तो शीघ्र ही गांव के लोग आंदोलन का रुख अपनाएंगे।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी लगाया उपेक्षा का आरोप
क्षेत्र के सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनकी जानकारी के बिना ही उनके राजस्व गांवों को दूरदराज की ग्राम पंचायतों में जोड़ दिया गया है, जो न्यायोचित नहीं है। जिससे आमजन को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
इधर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए बताया कि हर कार्य में मनमानी की जा रही है। जिससे क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ता काफी परेशान है। अगर यही आलम रहा तो शीघ्र ही अलीगढ़ उनियारा ब्लॉक में कांग्रेसी पदाधिकारी धड़े में बंट सकते हैं एवं कांग्रेसी पदाधिकारियों ने शीघ्र ही कांग्रेस की एक बैठक आयोजित कर आगामी रणनीति तय किये जाने की घोषणा भी की है।