जयपुर। गुर्जर आरक्षण आंदोलन को देखते हुए भरतपुर और धौलपुर के कुछ कस्बों में इंटरनेट बंदी के बाद अब सरकार ने दूसरी बड़ी तैयारी कर ली है। दोनो ही जिलों के चुनिंदा कस्बों और क्षेत्रों को पुलिस छावनी में बदलने की तैयारी चल रही है। छावनी में सैंकड़ोंपुलिसकर्मियों के साथ ही अफसरों की भी भारी-भरकम टीम लगाई गई है। इस बीच इंटेलीजेंस के भी चालीस से ज्यादा पुलिसकर्मी और अफसर सक्रिय हैं। हर पल की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। भरतपुर के बयाना के अड्डा गांव में कल गुर्जर आरक्षण को लेकर महापंचायत होने जा रही है। इन महापंचायत में 21 मई को आंदोलन की रुपरेखा तैयार की जानी है। इसे देखते हुए जिले में आठ क पनियां बुलाई गईंहैं। जिनमें से कुछ क पनियां रविवार रात पहुंच चुकी हैं और बाकि आज पहुंचनी है। भरतपुर के अलावा धौलपुर में भी आरएएसी की कंपनियां लगाई जानी है। भरतपुर में आरपीएफ की 3 क पनियां भी स्पेशल कोच से सोमवार शाम तक पहुंच रही हैं। दोनो जिलों में पांचआईपीएस लगाए गए हैं। उनमें साथ आठ एडिशनल एसपी, दस डीएसपी और कई थानों के थानाधिकारी भी पहुंच रहे हैं। पुलिस और क पनिंयों कोसोमवार रात और मंगलवार सवेरे पैदल मार्च करने को भी कहा गया है। इस बीच सरकार की मुश्किलें गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल
और गुजरात के ही दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने बढ़ा दी है। दोनो ही नेता गुर्जर आंदोलन में शामिल होने की तैयारी में है। हांलाकि सरकार ने दोनो ही नेताओं की आंदोनल में एंट्री को बैन कर दियाहै। साथ ही इंटेलीजेंस की टीम भी दोनो नेताओं के बारे में पल-पल का फीडबैक सरकार को दे रही है। सरकार ने सोशल मीडिया पर उठने वाली अफवाहों और खबरों को देखते हुए ही महापंचायत से तीन दिन पहले ही नेटबंदी कर दी है।