बजरी माफियाओं पर बनेठा थानाधिकारी की मेहरबानी किसानों पर पडी भारी
सूचना देने के बाद भी मौके पर नही पहुंची पुलिस
अलीगढ,(शिवराज मीना)। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही बजरी खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन यहां पर जिलें में बजरी का अवैध खनन आज भी हो रहा है। अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ शिकायत करने पर भी पुलिस भी कार्यवाही नही करती है, जिससें बजरी माफियाओं के हौसलें दिनों दिन बुलन्द होते जा रहे है। बजरी माफियाओं पर पुलिस की मेहरबानी गरीब परिवारों पर भारी पड़ रही है। आज भी बनेठा से दोहन हो रही अवैध बजरी खुलेआम बनेठा पुलिस थाने के सामने होकर गुजर रही है।
बनास नदी में रविवार को बजरी माफियाओं ने हथियारों के दम पर किसानों की खेती की जमीन पर कब्जा करने के लिए किसानों पर हमला कर दिया। किसानों और बजरी माफियाओं के बीच में हुये खूनी संघर्ष में 2 महिलाएं सहित 8 लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये।
बनेठा क्षेत्र से गुजर रही बनास नदी में वर्षो से पैटाकाश्त कर अपना जीवन यापन कर रहे किसानों को आये दिन अवैध बजरी खनन करने वाले भू-माफिया गरीब परिवार के लोगों को धमकाते है और उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे है।
पैटाकाश्त कर रहे किसानों ने इस सम्बन्ध में बनेठा थानाधिकारी मुकेश कुमार यादव को कई बार अवैध बजरी खनन कर रहे भूमाफियाओं की शिकायत भी की, लेकिन बनेठा थानाधिकारी ने अवैध बजरी खनन करने वाले भूमाफियाओं पर कारवाई राजनेताओं के दबाव में कार्यवाही नहीं की और बनेठा थानाधिकारी ने किसानों की एक बात तक नहीं सुनी और थाने से भगा दिया। इससे पहले भी बनेठा गांव के लोगो ने बनेठा थाना पुलिस पर बजरी माफियाओं से मिली भगत करने का आरोप लगाकर शिकायत की थी। लेकिन पुलिस की मेहरबानी के बाद बेखौफ हुए बजरी माफियाओं ने आज किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, जब किसानों ने विरोध किया तो माफियाओं ने हथियारों से उन पर हमला कर दिया।
अवैध बजरी खनन करने वाले माफियाओं को ना तो पुलिस का डर था और ना ही कोर्ट का। जिससे उन्होने रविवार को किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की तो माफियाओं और किसानों के बीच में खूनी संघर्ष हो गया। जिसमें 2 महिलाओं सहित 8 लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायल किसानों को उपचार के लिए टोंक के सआदत अस्पताल भर्ती करवाया गया है।
किसानों का आरोप है कि पुलिस को झगड़े से पूर्व ही सूचना दी गई थी, लेकिन फिर भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची और बजरी माफियाओं को पुलिस का संरक्षण होने की वजह से ही बनास नदी में अवैध बजरी का खनन करवाया जा रहा है। जब पुलिस से इस पूरे मामले की जानकारी चाही गई तो पुलिस के अधिकारी गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाते हुए पूरे मामले को छोटा बताते नजर हुये नजर आए।
अब देखना यह होगा कि बनेठा थाना पुलिस अवैध बजरी माफियाओं के खिलाफ क्या कार्यवाही कर पाती है या राजनेताओं के दबाव में आकर मामले में लीपापोती करती है।
थानाधिकारी बनेठा मुकेश कुमार यादव की जानकारी के अनुसार
ये विवाद नदी मे खेती करने के लिए लिए 2 पक्षों मे हुआ है।
नदी मे सब्जी बाड़ी करने को लेकर विवाद हुआ है। बजरी माफिया जैसा कुछ नहीं है क्योकि दोनों पक्ष किसान है। नदी मे भूमि बंटवारे को लेकर विवाद हुआ है। दोनों पक्षों की तरफ से मुकदमा दर्ज हो रहा है। पुलिस ने शांति भंग में 5 लोगो को गिरफ्तार किया है।