मीडिया की सकारात्मक पहल से ही आएगी वैश्विक जागृति

 

सुधांशु कुमार सतीश
 आबू रोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के शांतिवन परिसर में चल रहे मीडिया महासम्मेलन में रविवार को वैश्विक जागृति के लिए मीडिया की पहल विषय पर संवाद हुआ। इसमें देशभर से पधारे बुद्धिजीवी, पत्रकार, संपादक और साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एकमत से कहा कि मीडिया की सकारात्मक पहल से ही वैश्विक जागृति आएगी। मीडियाकर्मी पहले स्वयं में सकारात्मक बदलाव लाएं तभी समाज में भी बदलाव आएगा।
Global awareness will come from the positive initiative of the media
the positive initiative of the media
काठमांडू नेपाल से आए फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट्स के उपाध्यक्ष विपुल पोखरेल ने कहा कि मीडिया समाज के बदलाव का सबसे बड़ा आधार है। मीडिया यदि सकारात्मक होगा तो समाज में भी जागृति आएगी। ढ़ेंकनाल से आए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के हैड प्रो. डॉ. मरिनल चटर्जी ने कहा कि आध्यात्म के बल से ही मीडिया और समाज में परिवर्तन आएगा। आध्यात्म में ही परिवर्तन की शक्ति है।
राजस्थान यूनिवर्सिटी के मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. संजीव भानावत ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में आज हमारे पास सूचनाओं का भंडार है। इससे हमारा मतिष्क सूचनाओं की अधिकता से विचार शक्ति को खोता जा रहा है। मीडियाकर्मी में विचार होना जरूरी है।
जयपुर से आए न्यूज इंडिया चैनल के एडिटर इन चीफ संजय शर्मा ने कहा कि ब्रह्माकुमारी•ा संस्थान समाज उत्थान के हित में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है। मीडिया एनालिस्ट एएनआई टीवी के जेवंश सिंह ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह वैश्विक जागृति के लिए मीडिया को ही पहल करना होगी। यहां की कार्यप्रणाली सीखने योग्य है।
सबसे पहले खुद को बदलना होगा…
मीडिया विंग के नेशनल को-ऑर्डिनेटर बीके सुशांत ने कहा कि विश्व में परिवर्तन तभी आएगा जब मीडियाकर्मी स्वयं के अंदर परिवर्तन लाएंगे। जब तक हम खुद को नहीं बदलेंगे, तब तक दुनिया को नहीं बदल सकते हैं। हमारे जीवन में जो भी समस्याएं हैं उनका समाधान साइलेंस की पावर से निकाल सकते हैं। स्थिर मन से और बेफिर हो कर जब हम कोई भी समस्या का समाधान खोजते हैं, मंथन करते हैं तो बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हमें मिल जाता है। समाज को बेहतर बनाने के लिए पहले मीडिया में जागृति जरूरी है। जब प्रत्येक मीडियाकर्मी जागरूक, सजग और आध्यात्मिक मूल्यों से सशक्त होगा तो वह समाज में भी आध्यात्म को बढ़ावा दे सकेगा।
पॉजीटिव विचारों को कार्यस्थल पर भी साकार करें….
संचालन करते हुए मीडिया विंग गुजरात जोन की जोनल को-ऑर्डिनेटर बीके नंदिनी ने कहा कि जैसे हम मोबाइल चार्ज करते हैं वैसे ही हमें अपनी आत्मा रूपी बैटरी को रोजाना चार्ज करना जरूरी है। यहां से आप जो पॉजीटिव विचार लेकर जाएं उसे अपने कार्यस्थल पर भी साकार करें। मीडिया विंग की एक्सीक्यूटिव मेंबर बीके पूनम ने कॉमेन्ट्री के माध्यम से राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई।