गहलोत ने पीएम को याद दिलाया पुराना वादा, नीति आयोग की बैठक

liyaquat Ali
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नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य के हिस्से की राशि समय पर उपलब्ध कराने और राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत करने के लिए सहयोग मांगा। शनिवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की पांचवीं बैठक में गहलोत ने वर्षा जल संरक्षण, पेयजल, कृषि, सूखा प्रबंधन एवं चिकित्सा सहित अन्य मुद्दों पर प्रदेश का पक्ष रखा।
उन्होंने राज्य के 13 जिलों में वर्ष 2051 तक पेयजल आपूर्ति करने तथा दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करते हुए इसे शीघ्र स्वीकृति देने की मांग की। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राजस्थान में एक जनसभा के दौरान इस परियोजना को लेकर किया गया वादा भी याद दिलाया। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 370 करोड़ रुपए की पहली किस्त भी शीघ्र जारी करने का आग्रह किया।

जल संग्रहण परियोजनाओं में मिले हिस्सा

मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत जल संग्रहण परियोजना के तहत वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 तक केन्द्र एवं राज्य का अंश 90 अनुपात 10 था, लेकिन केन्द्र सरकार ने परियोजना के 205 प्रोजेक्टों को पूरा करने का पूर्ण भार राज्य सरकार पर डाल दिया है। ऐसे में पहले की भांति केन्द्र का अंश दिया जाए।

1454 करोड़ के प्रस्ताव को दें मंजूरी

राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल परियोजना के तीसरे चरण के लिए 1454 करोड़ रूपए की बाह्य वित्त पोषण सहायता प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग की। इस योजना से जोधपुर, बाडमेर व पाली के 2014 गांवों तथा 5 कस्बों को वर्ष 2051 तक जल आपूर्ति की जा सकेगी। उन्होंने जयपुर, अजमेर, टोंक एवं नागौर को पेयजल के लिए बीसलपुर बांध को ब्राह्मणी नदी से जोडऩे की योजना के लिए भी बाह्य वित्त पोषण प्राप्त करने के लिए सहयोग मांगा।

एसडीआरएफ  नियमों में हो संशोधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ नियमों में कृषि आदान-अनुदान के लिए भूमि सीमा डेजर्ट डवलपमेंट प्रोग्राम के 12 जिलों में 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर की जाए। उन्होंने गौशालाओं में संरक्षित सभी पशुओं को दी जाने वाली सहायता भी एसडीआरएफ  नॉम्र्स में शामिल करने की मांग की।

एमएसपी पर दलहन एवं तिलहन की खरीद सीमा बढाएं 

गहलोत ने दलहन व तिलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत करने के साथ एक दिवस में दलहन-तिलहन की एक जिंस की खरीद सीमा 25 क्विंटल से बढाकर 40 क्विंटल तक करने की मांग रखी। उन्होंने प्रदेश की महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर भी नीति आयोग का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने धौलपुर-सरमथुरा के बीच गंगापुर सिटी तक विस्तार के साथ ब्रॉडगेज लाइन तथा अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू करने का अनुरोध किया।

आयुष्मान योजना में हो बदलाव  

सीएम ने बताया कि राज्य में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत एनएफएसए में पात्र करीब एक करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है। जबकि आयुष्मान भारत योजना में वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना के अनुसार प्रदेश के केवल 59 लाख 71 हजार परिवारों को ही लाभ मिल सकेगा। केन्द्र सरकार जनगणना 2011 के मापदंडों की बजाय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) में पात्र परिवारों को योजना की परिधि में शामिल करे।

सकल उधार सीमा के आधार पर ऋण लेने की मिले अनुमति

बैठक में मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि वित्त वर्ष 2019-20 के प्रथम 9 महीनों के लिए वित्त मंत्रालय के 16 जून 2016 के पत्र के अनुसार ही सकल उधार सीमा के आधार पर खुले बाजार से ऋण लेने की सहमति प्रदान की जाए। वित्त मंत्रालय के 5 अप्रेल 2019 के नए पत्र के कारण प्रदेश को केवल प्रथम तीन माह के लिए शुद्ध उधार सीमा के आकलन के आधार पर ही खुले बाजार से ऋण लेने की अनुमति प्रदान की गई है।

एमएसएमई इकाइयों को केन्द्र दे छूट

राज्य सरकार ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाया है जिसमें एमएसएमई इकाइयों को तीन वर्ष तक राज्य के कानून में किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। केन्द्र सरकार को इस तर्ज पर केन्द्रीय कानूनों में उद्यमियों को छूट देनी चाहिए। बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता भी मौजूद थे।
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