फेसबुक से की दोस्ती करके शादी रचाना पडा शिक्षक को भारी

liyaquat Ali
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सास-ससुर और पति ने दिये घर से धक्के, सहेली टीचर्स के साथ पहुंची तो बुलाई पुलिस

जयपुर।  फेसबुक पर दोस्ती के बाद शादी करना एक पढी-लिखी टीचर के लिए उस वक्त गले की हडडी बन गया  जब उसके सास-ससुर व पति ने मिलकर घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। आखिरकार महिला ने श्याम नगर पुलिस की शरण ली तो वहां  शिकायत के बाद भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

आखिरकार महिला अपने स्कूल की टीचर्स के साथ अपने ससुराल वालों से बात करने पहुंची तो उन्होंने श्याम नगर थाना पुलिस को फोन बुलवा लिया और आरोप अपनी ही बहू पर आरोप जड़ दिया कि  उसकी बहू जबरन अपने सहेलियों के साथ घर में घुसने की कोशिश कर रही है।

ये बेबस, रोती-बिलखती, लाचार महिला बरसात में करीब साढे तीन घटें से अपने सास-ससुर को दरवाजा खोलकर अंदर आने की गुहार लगा रही थी लेकिन सास-ससुर का जरा भी मन नहीं पसीज रहा।

उन्होंने दरवाजा खोलना तो दूर उससे बात करने से भी साफ इनकार कर दिया। वही पुलिस मूक दर्शक बनी ये पूरा घटनाक्रम देखती रह गई। पुलिस के कहने के बावजूद भी सास-ससुर ने दरवाजा नहीं खोला और केवल खिडकी से बात करके पुलिस को भी टरका दिया।

जानकारी के अनुसार इंजीनियर अनूप से शादी करने वाली पढी-लिखी ज्योति ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि शादी के महज तीन महीनों बाद ही उसका पति उसका साथ छोड देगा।

उल्लेखनीय रहेें अनूप पहले से शादीशुदा था जिसने  पहली पत्नी को तलाक देने के बाद ज्योति से फेसबुक पर दोस्ती की और उसके बाद आठ महीने पहले ही शादी कर ली जब वो गर्भवती हो गई तो उसका गर्भपात भी करवा दिया।

वही दूसरी तरह एसआई जगदीश प्रसाद का कहना है कि महिला के सास-ससुर दरवाजा नहीं खोला इसमें पुलिस आखिर कर ही क्या सकती है? हमने उसके पति अनूप शर्मा को कई बार कॉल किया है लेकिन वो फोन ं रिसीव नही कर रहा है जबकि उसके माता-पिता से बात की तो उन्होंने दरवाजा खोलने से मना कर दिया। ऐसे में अब हम जबरन दरवाजा नहीं खुलवा सकते है, पुलिस के पास ऐसी कोई पावर नहीं है।

वही  साथी टीचर्स  अर्चना का  कहना है कि वे लोग ज्योति की मदद के लिए आए थे, लेकिन यहां आकर तो पुलिस उन्हें ही गलत साबित करने में लगी हुई है। पुलिस का कहना है कि अगर वो थाने में एएफआईआर दर्ज कराती तो उनके पति और सास-ससुर को थाने बुला सकते थे, लेकिन अब वो खुद ही मामले को निपटाए। ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर जब पुलिस ही ज्योति की मदद नहीं करेगी तो वो किससे न्याय की उममीद करे।

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