नई दिल्ली
आइए नजर डालते हैं इन लोकसभा चुनाव में किन पांच बड़े चेहरे पर सबसे ज्यादा नजरें रहेंगी।
नरेंद्र मोदी
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले नरेंद्र मोदी न सिर्फ सरकार, बल्कि पार्टी का भी चेहरा बने हुए हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा यूपी में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के साथ ही पूर्वोत्तर में दस्तक देने में सफल रही। 2019 के चुनाव में पार्टी का पुराना प्रदर्शन दोहराने का दायित्व।
राहुल गांधी
दिसंबर 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला। 2018 में कर्नाटक में जेडीएस से गठबंधन में अहम भूमिका निभाई। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत दिलाकर पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया। अब अपने नेतृत्व में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रही कांग्रेस के प्रदर्शन में सुधार का जिम्मा।
प्रियंका गांधी
जनवरी 2019 में सक्रिय राजनीति में पदार्पण की घोषणा की। कांग्रेस महासचिव का पद संभाला। 41 लोकसभा सीटों वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी बनाई गईं। दादी इंदिरा गांधी की छवि के चलते मतदाताओं में लोकप्रिय। यूपी में सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस को प्रियंका के सहारे वापसी की उम्मीद।
अखिलेश यादव
यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश ने सपा में जारी वर्चस्व की लड़ाई के बीच जनवरी 2017 में पार्टी की कमान संभाली। बसपा से चुनावपूर्व गठबंधन कर रणनीतिक कौशल का परिचय दिया। 2019 में भाजपा का विजय रथ रोकने और 2014 में पांच सीटों पर सिमटी सपा के प्रदर्शन में सुधार लाने का दारोमदार।
मायावती
यूपी में सियासी जमीन बचाने की जद्दोजहद में जुटी बसपा को दोबारा उबारने का जिम्मा। दरअसल, पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में खाता तक नहीं खोल पाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह तीसरे स्थान पर रही थी। सपा से गठबंधन कर बड़ा रणनीतिक दांव खेला। लोकसभा चुनाव लड़ने की भी अटकलें।